India’s 100 unicorns: भारत में यूनिकॉर्न की लहर नई ऊंचाइयों पर पहुंच गई है. देश में यूनिकॉर्न की संख्या 100 हो गई है. आज वैश्विक स्तर पर हर 10 में से 1 यूनिकॉर्न का उदय भारत में हो रहा है. केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने एक ट्वीट के जरिये इस उपलब्धि को बताया.

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'यूनिकॉर्न' उन बेहद खास स्टार्टअप को कहा जाता है जो 1 बिलियन डॉलर से ज्यादा का वैल्यूएशन हासिल कर लेते हैं. भारतीय स्‍टार्टअप इकोसिस्टम  यूनिकॉर्न की संख्‍या के लिहाज से दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा है. यहां 5 मई 2022 तक 100  यूनिकॉर्न हैं जिनका कुल मूल्‍यांकन 332.7 अरब डॉलर है. साल 2021 के दौरान यूनिकॉर्न की संख्या में भारी उछाल दर्ज किया गया था. इस दौरान कुल 44 स्टार्टअप यूनिकॉर्न 93 अरब डॉलर के कुल वैल्यूएशंस के साथ इस क्लब में शामिल हुए.

साल 2022 के पहले चार महीनों के दौरान भारत में 18.9 अरब डॉलर के कुल वैल्यूएशन के साथ 14 यूनिकॉर्न तैयार हुए हैं.

जनवरी 2016 में हुई थी स्टार्टअप इंडिया की शुरुआत

स्टार्टअप इंडिया अभियान के शुभारंभ यानी 16 जनवरी 2016 के बाद से 2 मई 2022 तक देश में 69,000 से ज्यादा स्टार्टअप को मान्यता दी गई है. खास बात ये है कि भारत में इनोवेशन सिर्फ कुछ सेक्टर तक ही सीमित नहीं है. आईटी सेक्टर में 13 प्रतिशत, स्वास्थ्य सेवा और जीवन विज्ञान से 9 प्रतिशत, शिक्षा 7 प्रतिशत, पेशेवर एवं वाणिज्यिक सेवाओं से 5 प्रतिशत, कृषि 5 प्रतिशत और खाद्य एवं पेय पदार्थों से 5 प्रतिशत के साथ 56 विविध क्षेत्रों में समस्याओं को हल करने वाले स्टार्टअप को मान्यता दी गई है.

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तेजी से बढ़ी यूनिकॉर्न की संख्या

हालांकि प्रत्येक स्टार्टअप के लिए यूनिकॉर्न बनने की अपनी अनूठी यात्रा होती है. लेकिन भारत में स्टार्टअप को यूनिकॉर्न बनने के लिए मिनिमम समय 6 महीने और अधिकतम 26 साल है. वित्त वर्ष 2016-17 तक हर साल लगभग एक यूनिकॉर्न तैयार होता था. पिछले चार वर्षों में (वित्त वर्ष 2017-18 के बाद से) यह संख्या तेजी से बढ़ रही है और हर साल अतिरिक्त यूनिकॉर्न की संख्या में सालाना 66 प्रशित की वृद्धि हो रही है.