ये हैं वो 5 डर, जो इंसान को शुरू नहीं करने देते Startup, जिसने काबू पा लिया वही बनता है Successful Entrepreneur
ऐसे एक-दो नहीं बल्कि 5 डर हैं, जो बिजनेस शुरू करने की सोचने वाले शख्स के पैरों की बेड़ियां बन जाते हैं. आइए जानते हैं इनके बारे में और साथ ही ये भी समझते हैं कि कैसे इन पर काबू पा सकते हैं.
हर इंसान के दिमाग में ये ख्याल कभी ना कभी जरूर आता है कि अपना कोई बिजनेस (Business) शुरू किया जाए. कुछ ऐसे लोग होते हैं जो ऐसा कर भी लेते हैं, लेकिन अधिकतर लोग ऐसा करने की हिम्मत नहीं जुटा पाते. सवाल ये है कि आखिर वो क्या है, जो लोगों को अपना बिजनेस या स्टार्टअप (Startup) शुरू करने नहीं देता. ऐसे एक-दो नहीं बल्कि 5 डर हैं, जो बिजनेस शुरू करने की सोचने वाले शख्स के पैरों की बेड़ियां बन जाते हैं. आइए जानते हैं इनके बारे में और साथ ही ये भी समझते हैं कि कैसे इन पर काबू पा सकते हैं.
1- फेल हो जाने का डर
कोई भी बिजनेस शुरू करने से पहले जिस बात को लेकर लोग सबसे ज्यादा डरते हैं, वह है बिजनेस के फेल हो जाने का डर. लोगों को लगता है कि अगर वह फेल हो गए तो क्या होगा. लोगों को डर रहता है कि अगर बिजनेस नहीं चला तो उनका समय भी बर्बाद होगा और पैसे भी बर्बाद होंगे. वहीं नौकरी में एक गैप आ जाएगा, जिसकी वजह से बाद में दूसरी नौकरी मिलने में भी दिक्कत होगी. इतना ही नहीं, लोग यह भी सोचते हैं कि कुछ साल बिजनेस में गंवाने के बजाय अगर नौकरी करते रहेंगे तो सैलरी थोड़ी-थोड़ी ही सही, लेकिन बढ़ती तो रहेगी.
कैसे निपटें इस डर से?
इस डर से निपटना आसान तो नहीं है, लेकिन नामुमकिन भी नहीं है. आपको सिर्फ बिजनेस शुरू करने से पहले एक मार्केट रिसर्च करने की जरूरत है. इस रिसर्च से आपको अपने प्रोडक्ट या सर्विस के बारे में मार्केट की प्रतिक्रिया मिल जाएगी. आपके लिए ये जानना आसान हो जाएगा कि आपका बिजनेस चलेगा या नहीं. ये भी समझना आसान हो जाएगा कि क्या बदलाव करने की जरूरत है.
2- कॉम्पटीशन का डर
जब कभी दिमाग में बिजनेस शुरू करने का आइडिया आता है तो अक्सर लोग एक ही गलती करते हैं और वह पहले से ही चल रहे बिजनेस जैसा कुछ शुरू करना चाहते हैं. इसके बाद उन्हें डर लगने लगता है कि पहले से ही बाजार में इतना सारा कॉम्पटीशन है, ऐसे में उनका बिजनेस कैसे चलेगा. लोग कुछ नया इसलिए ट्राई करने से बचते हैं, क्योंकि उसका मार्केट टेस्ट नहीं हुआ है. वहीं पहले से मार्केट में बिकने वाले प्रोडक्ट्स या सर्विस की टेस्टिंग तो हो चुकी है.
कैसे निपटें इस डर से?
इस डर से निपटने के लिए आपको एक यूनीक आइडिया के साथ बाजार में उतरना होगा. साथ ही कोशिश करें कि आइडिया इतना शानदार हो, जिसे पेटेंट कराया जा सके और फिर उसे कोई चुरा भी नहीं पाएगा. हालांकि, नए आएडिया के साथ बाजार में उतरते वक्त आपको पहले मार्केट रिसर्च जरूर करनी चाहिए, ताकि उसके फेल होने के चांस कम हो सकें.
3- रिसोर्स ना होने का डर
अक्सर लोग ये कहते हुए बिजनेस करने से डरते हैं कि उनके पास तो रिसोर्स की ही कमी है. उनके पास ना इतने पैसे हैं, ना ही इतने कॉन्टैक्ट्स हैं, जिनकी मदद से बिजनेस को सफल बनाया जा सके. रिसोर्स होने का डर सबसे कमजोर डर होता है, जिससे आप आसानी से छुटकारा पा सकते हैं.
कैसे निपटें इस डर से?
बिजनेस शुरू करने से पहले रिसोर्स की बिल्कुल चिंता ना करें. ये ना सोचें कि आपके पास पैसों की कमी है या आपके कॉन्टैक्ट्स नहीं हैं. आप सिर्फ एक शानदार बिजनेस आइडिया सोचें. अगर आपका आइडिया शानदार रहा, तो आपके बिजनेस में पैसे लगाने वालों की लाइन लग जाएगी. अगर आइडिया में दम होगा तो लोग खुद आपसे कॉन्टैक्ट करेंगे. आपको सिर्फ एक शानदार बिजनेस प्लान बनाना होगा और फाइनेंसर ढूंढने में थोड़ी मेहनत करनी होगी.
4- लोगों की तरफ से ठुकराए जाने का डर
तमाम बिजनेस में ये डर हमेशा ही रहता है कि कहीं लोग ठुकरा ना दें. कहीं ऐसा ना हो जाए कि लोगों को प्रोडक्ट ही पसंद ना आए और लोग सिरे से खारिज कर दें. अगर ऐसा होता है कि बिजनेस में सिर्फ नुकसान ही हाथ लगता है. बहुत सारे स्टार्टअप इसी वजह से बंद भी होते हैं, क्योंकि जो आइडिया स्टार्टअप फाउंडर को यूनीक लगता है, वह बहुत सारे लोगों को कुछ खास पसंद नहीं आता.
कैसे निपटें इस डर से?
इस डर का सामना करने के लिए सबसे जरूरी है कि आपका आइडिया यूनीक तो होना ही चाहिए. साथ ही आपको बिजनेस शुरू करने से पहले मार्केट रिसर्च भी करनी होगी. इसमें एक अहम बात ये ध्यान रखनी होगी कि अगर लोगों से आपको कोई निगेटिव फीडबैक मिलता है तो उस पर अच्छे से विचार करें और सोचें कि क्या प्रोडक्ट में कोई बदलाव करने की जरूरत है? और अगर जरूरी लगे तो बदलाव करने भी चाहिए.
5- पॉलिसी बदल जाने का डर
ऐसे बहुत से स्टार्टअप आइडिया हैं, जिन पर सरकार की पॉलिसी का बहुत बड़ा असर होता है. हालांकि, यह डर हर स्टार्टअप फाउंडर के लिए नहीं होता है, क्योंकि हर बिजनेस में सरकार की पॉलिसी बदलने का बड़ा असर नहीं होता है. इसका सबसे अच्छा उदाहरण है गेमिंग पर 28 फीसदी जीएसटी लगाया जाना, जिसकी वजह से बहुत सारे गेमिंग से जुड़े स्टार्टअप कर्मचारियों की छंटनी कर रहे हैं और कुछ तो बंद भी हो गए हैं.
कैसे निपटें इस डर से?
ऐसे डर से निपटने का कोई तरीका नहीं है. आपको बस करना इतना होगा कि अगर सरकार पॉलिसी लेवल पर ऐसा कोई बड़ा फैसला लेती है तो पहले इंडस्ट्री के साथ मिलकर सरकार से बात करने की कोशिश करें. अगर सरकार पॉलिसी में कोई बदलाव ना करें तो कोशिश करें कि अपने बिजनेस आइडिया या बिजनेस मॉडल में पॉलिसी के हिसाब से कोई बड़ा बदलाव करें. अगर जरूरत हो तो आप पूरा बिजनेस ही बदल कर दूसरे सेक्टर में एंट्री मार सकते हैं, जिसमें आपके पुराने बिजनेस के लिए की गई मेहनत और रिसोर्स का इस्तेमाल हो जाए.