सस्ते फ्यूल के लिए मोदी सरकार का बड़ा प्लान, किसानों को होगा जबर्दस्त फायदा
देश में सस्ता और स्वच्छ ईंधन (Green Fuel) मुहैया कराने के लिए पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने बड़ी योजना पर काम शुरू किया है.
देश में सस्ता और स्वच्छ ईंधन (Green Fuel) मुहैया कराने के लिए पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने बड़ी योजना पर काम शुरू किया है. देश में 5 हजार कॉम्प्रेस्ड बायोगैस (CBG) प्लांट में दो लाख करोड़ रुपये का निवेश करने की तैयारी है.
पेट्रोनेट एलएनजी से करार (Petronet LNG Mou)
पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने एनर्जी कंपनियों जेबीएम ग्रुप, अडानी गैस, पेट्रोनेट एलएनजी आदि के साथ शुक्रवार को एक एमओयू पर हस्ताक्षर करते हुए यह ऐलान किया. जैव और फसल अवशेषों से तैयार होने वाले इस ईंधन के क्षेत्र में अपार संभावनाओं को देखते हुए मंत्रालय ने यह कदम बढ़ाया है. इससे किसानों को भी काफी फायदा होगा.
सस्ता होगा सफर (Green Fuel)
केंद्रीय मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने कहा, आज हम स्वच्छ, सस्ते और टिकाऊ ईंधन की निरंतर खोज में एक नया अध्याय लिख रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमने सतत वैकल्पिक किफायती परिवहन (SATAT) के लिए स्पष्ट रोडमैप बनाया है.
600 CBG प्लांट लगेंगे (600 CBG Plant)
उन्होंने कहा, मुझे यह जानकर खुशी हुई कि भारतीय उद्योग से जुड़े लोगों ने सतत वैकल्पिक किफायती परिवहन में अत्यधिक रुचि दिखाई है. 600 सीबीजी संयंत्रों के लिए आशय पत्र पहले ही दिए जा चुके हैं और आज 900 प्लांट के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर होने के साथ, कुल 1500 सीबीजी संयंत्र पर काम चल रहा है.
5000 प्लांट होंगे 2023 तक
दरअसल, भारत सरकार की ओर से 1 अक्टूबर 2018 को परिवहन क्षेत्र के लिए एक वैकल्पिक और स्वच्छ ईंधन के उत्पादन और CBG की उपलब्धता को बढ़ाने के लिए एसएटीएटी की पहल शुरू की गई थी. यह योजना 2023-24 तक 5 हजार सीबीजी संयंत्रों की स्थापना का लक्ष्य है. एमओयू पर हस्ताक्षर होने से सरकार की स्वच्छ ऊर्जा पहल को एक बड़ी उपलब्धि मिलेगी.