सरकारी खरीद पोर्टल गवर्नमेंट ई-मार्केट (GeM) से वस्तुओं और सेवाओं की खरीद यानी ग्रॉस मर्चेंडाइज वैल्यू (GMV) के चालू वित्त वर्ष के अंत तक 4 लाख करोड़ रुपये को पार कर जाने की उम्मीद है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को यह संभावना जताई. विभिन्न मंत्रालयों और विभागों की तरफ से खरीदारी बढ़ने से जीईएम का कारोबार आकार बढ़ने वाला है. 

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केंद्र सरकार के सभी मंत्रालयों और विभागों के स्तर पर वस्तुओं और सेवाओं की ऑनलाइन खरीद के लिए सरकारी ई-बाजार जीईएम की नौ अगस्त, 2016 को शुरुआत हुई थी. जीईएम के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) पी के सिंह ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘चालू वित्त वर्ष में आज तक पोर्टल से खरीद का आंकड़ा तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक हो चुका है. रुझानों को देखते हुए इस वित्त वर्ष में खरीद चार लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगी.’’ 

2021-22 में 1.06 लाख करोड़ रुपये की खरीद

वित्त वर्ष 2021-22 में जीईएम से 1.06 लाख करोड़ रुपये की खरीद हुई थी जबकि 2022-23 में यह आंकड़ा दो लाख करोड़ रुपये को पार कर गया था. सिंह ने कहा कि वस्तुओं और सेवाओं की कुल खरीद में कोल इंडिया जैसे केंद्रीय सार्वजनिक उद्यमों (सीपीएसई) की हिस्सेदारी बढ़ रही है. कोल इंडिया, सेल, एनटीपीसी और एसबीआई सहित 245 से अधिक सीपीएसई इस प्रक्रिया का हिस्सा हैं. 

63,000 से अधिक सरकारी खरीदार

जीईएम के मंच से 63,000 से अधिक सरकारी खरीदार संगठनों के अलावा 62 लाख से अधिक विक्रेता और सेवा प्रदाता जुड़े हुए हैं. सरकारी विभागों, मंत्रालयों, सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों, राज्य सरकारों और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों को भी इस पोर्टल के जरिये लेनदेन करने की अनुमति है.