उत्तर प्रदेश (UP) की राजधानी लखनऊ को देश के उभरते आईटी हॉस्पॉट के तौर पर स्थापित करने के लिए नादरगंज क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) सिटी के विकास की प्रक्रिया को हरी झंडी दे दी गई है. लखनऊ में एआई सिटी (AI City) के विकास के लिए सीएम योगी के दिशा-निर्देश में एक विस्तृत कार्ययोजना बनाई गई है, जिसको क्रियान्वित करते हुए यूपी इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड (यूपीएलसी) ने प्रक्रिया शुरू कर दी है. यूपीएलसी द्वारा इस उद्देश्य से "यूपी इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण नीति (यूपीईएमपी)" के अंतर्गत दिग्गज रियल स्टेट डेवलपर कंपनियों व एजेंसियों से शहर के डिजाइन, विकास व संचालन के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट के जरिए आवेदन मांगे हैं.

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उल्लेखनीय है कि इस परियोजना के तहत आईटी कंपनियों के लिए ग्रेड-ए सर्टिफाइड कमर्शियल स्पेस, स्टेट ऑफ द आर्ट डाटा सेंटर, ग्रेड-ए फ्लेक्सिबल वर्क प्लेसेस व टेक लैब्स के निर्माण का मार्ग प्रशस्त होगा. वहीं, कमर्शियल स्पेसेस के साथ लग्जरी व अफोर्डेबल हाउसिंग रेसिडेंशियल कॉम्पलेक्स, रीक्रिएशन एरिया, हरित क्षेत्र समेत कई वर्ल्ड क्लास एमिनिटीज के निर्माण का रास्ता भी साफ होगा.

एयरपोर्ट से महज 3 किलोमीटर दूर

विभाग के अधिकारियों ने बताया कि परियोजना के तहत आईटी व इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग ने लखनऊ के प्रमुख स्थानों पर एआई सिटी के विकास के लिए संभावित लैंड पार्सल की पहचान की है. इस क्रम में आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग के स्वामित्व वाले 40 एकड़ भूमि पार्सल को एआई सिटी के लिए संभावित विकास स्थल के रूप में पहचाना गया है. यह भूमि नादरगंज औद्योगिक क्षेत्र के प्रमुख स्थान पर स्थित है और लखनऊ अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से लगभग 3 किलोमीटर दूरी पर स्थित है.

भूमि क्षेत्र तक दो-लेन की सड़क के माध्यम से पहुंचा जा सकता है और यह फिलहाल पूरी तरह से बाड़ से घिरा हुआ है. लखनऊ-कानपुर राजमार्ग के निकटता, उत्तम कनेक्टिविटी, प्राइम लोकेशन बेस व अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त यह क्षेत्र एआई सिटी की स्थापना के लिए अनुकूल अवसर प्रस्तुत करता है. ऐसे में, यूपीएलसी ने ईओआई के जरिए जिन दिग्गज रियल स्टेट डेवलपर्स से आवेदन मांगे हैं, उन्हें इस क्षेत्र में एआई सिटी से संबंधित सभी अवसंरचनाओं व सुविधाओं का खाका खींचने, निर्माण करने व संचालन करने की विस्तृत कार्य योजना पर कार्य करना होगा.

40 एकड़ जमीन, 100 करोड़ रुपये का कैपेक्स

परियोजना के लिए नादरगंज औद्योगिक क्षेत्र के प्रमुख स्थान पर 40 एकड़ भूमि विकासकर्ता कंपनियों को दी जाएगी. इसके अंतर्गत भूमि अधिग्रहण, ज़ोनिंग नियमों और अन्य प्रासंगिक मंजूरी में सहायता दी जाएगी. वहीं, आकर्षक वित्तीय प्रोत्साहनों के माध्यम से डेवलपर को वित्तीय सहायता भी दी जाएगी, जिसके अंतर्गत आईटी पार्क के लिए एकमुश्त 25 प्रतिशत से लेकर 20 करोड़ रुपये तक का कैपेक्स सपोर्ट और आईटी सिटी के लिए 100 करोड़ रुपये तक का कैपेक्स समर्थन मुख्य है.

वहीं, आईटी और आईटीईएस नीति 2022 के अनुसार 100 फीसदी स्टांप शुल्क में छूट, गैर-वित्तीय सहायता, लीज रेंटल, क्लाउड सेवा लागत, बिजली शुल्क और बैंडविड्थ खर्च के लिए भी वित्तीय व गैर वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी. डेवलपर्स को एआई सिटी में प्रतिष्ठित अत्याधुनिक संरचना के विकास करना होगा, जिसके तहत प्लग एंड प्ले इंफ्रास्ट्रक्चर पर आधारित ग्रेड-ए एलईईडी प्रमाणित कार्यालय का निर्माण करना होगा. 

स्टार्टअप सेक्टर को मिलेगा बूस्ट

इनक्यूबेटरों, स्टार्टअप और कॉर्पोरेट के लिए ग्रेड-ए कार्यालय स्थान के साथ एक टावर का विकास, एआई परीक्षण और प्रोटोटाइप सुविधाओं के लिए एक समर्पित क्षेत्र का भी विकास करना होगा, जो अनुसंधान केंद्रों और शीर्ष प्रौद्योगिकी शैक्षणिक संस्थानों के लिए स्थान उपलब्ध कराएगा.

सरकार की ओर से मिली जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश में पहले से ही नोएडा आईटी हब के तौर पर विख्यात है, मगर लखनऊ के आईटी हब व एआई सिटी के तौर पर विकास से देश समेत प्रदेश भर में टियर-2 शहरों के विकास का मार्ग प्रशस्त होगा. लखनऊ में बीपीएम सहित 800 से अधिक संपन्न तकनीकी-संबंधित व्यवसायों और 200 से अधिक प्रौद्योगिकी स्टार्टअप्स की उपस्थिति है.