आज हम कृषि पैदावार और व्यापार में लगातार रिकॉर्ड कायम कर रहे हैं. अनाज की पैदावार (Wheat Production) हमारे यहां हर साल नया कीर्तिमान स्थापित कर रही है. सरकार ने भी किसानों की आमदनी बढ़ाने के मकसद से आत्मनिर्भर कृषि (Atmanirbhar Krishi) नाम से अभियान चलाया हुआ है. 

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कृषि को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सबसे अहम रोल बीज का होता है. बीज जितना अच्छा और स्वस्थ होगा, फसल भी उतनी ही शानदार होगी, उस पर कीट और बीमारियों का हमला भी कम होगा. 

किसान को फसलों के लिए हर साल बाजार से नया बीज खरीदना पड़ता है. फसल की लागत का एक बड़ा हिस्सा बीज पर खर्च होता है. और इस पर भी अगर बीज खराब क्वालिटी का आए तो किसान की सारी मेहनत चौपट हो जाती है. 

इसलिए किसानों को सलाह दी जाती है कि वे खुद का ही बीज तैयार करें. और अगर किसान फसल को अनाज के तौर पर न उगाकर उसे बीज के रूप में तैयार करेगा तो निश्चित ही उसकी आमदनी कई गुना बढ़ जाएगी. 

बीज उत्पादन के लिए केंद्र समेत राज्य सरकारें किसानों की मदद करती हैं. किसानों को बीज उगाने की तकनीक से लेकर समय-समय पर देखभाल और वैज्ञानिक सलाह भी दी जाती है. इन सब के अलावा सरकार खुद किसानों से उनका बीज खरीदने में मदद भी करती है. सरकार या कृषि विश्वविद्यालय अक्सर गांव स्तर पर ग्रुप बनाकर बीज उत्पादन कार्यक्रम को चलाते हैं. 

बिहार सरकार ने भी ''बने बीज निगम के बीज उत्पादक'' नाम से एक अभियान शुरू किया हुआ है. इसके लिए किसान आवेदन करके इस अभियान में शामिल हो सकते हैं. 

जानें इस अभियान के बारे में

- पटना, नालंदा, आरा, बक्सर, कैमूर, रोहतास, गया, औरंगाबाद, जहानाबाद, नवादा और अरवल जिले के किसान आवेदन कर सकते हैं.

- किसान के पास कम से कम रकवा 1 एकड़ होनी चाहिए. जमीन बटाई या पट्टे पर भी हो सकती है.

- नए बीज उत्पादक किसानों को बीज उत्पादन के लिए क्षेत्रीय प्रबंधक व केंद्र प्रभारी आधार बीज मुहैया कराएंगे. 

- किसान को बिहार स्टेट सीड एवं आर्गेनिक सर्टिफिकेशन एजेंसी (बसोका) से निबंधन व प्रमाणन के लिए निबंधन शुल्क 50 रुपये, प्रमाणन शुल्क 100 रुपये देने होंगे.

- प्रमाणन शुल्क के रूप में 250 रुपये प्रति हेक्टेयर की राशि निगम द्वारा किसानों को प्रोत्साहन राशि के रूप में खर्च की जाएगी.

- बीज उत्पादक किसानों से एग्रीमेंट का खर्च बिहार राज्य बीज निगम लिमिटेड से वहन किया जाएगा.

- बीज उत्पादक किसानों द्वारा तैयार क्वालिटी वाले बीज की शत प्रतिशत मात्रा निगम दी जाएगी.

- निर्गत अंतिम प्रतिवेदन (LIR ) के आधार पर बीज इकट्ठा किया जाएगा.

- फसल के न्यूनतम समर्थन मूल्य ( MSP) पर 20 फीसदी राशि जोड़कर बीज का क्रय मूल्य तय किया जाएगा.

- बीज की प्रयोगशाला में जांच के बाद निगम द्वारा फसल के न्यूनतम समर्थन मूल्य के बराबर की राशि पहली किस्त के रूप में किसानों के खाते में ट्रांसफर कर दी जाएगी.

- शेष राशि का भुगतान प्रोसेसिंग के आधार पर किसानों को दी जाएगी.

- बीज उत्पादक किसानों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन और राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत प्रोत्साहन राशि दी जाएगी.

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कैसे कराएं रजिस्ट्रेशन

इस अभियान से जुड़ने के लिए किसान बिहार राज्य बीज निगम की वेबसाइट brbn.bihar.gov.in पर अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं. रजिस्ट्रेशन के लिए किसान के नाम, पता, गांव, तहसील, जमीन आदि की जानकारी के साथ बैंक खाता और आधार खाता संख्या की जरूरत होती है.