आज के वक्त में स्टार्टअप (Startup) तो तेजी से शुरू हो रहे हैं, लेकिन हर स्टार्टअप सफल नहीं हो पाता है. देश के टॉप-10 बड़े यूनीकॉर्न (Unicorn) स्टार्टअप आज तक मुनाफा नहीं कमा पाए हैं. हालांकि, उनका बिजनेस काफी बड़ा हो गया है और हो सकता है कि अगले कुछ सालों में वह मुनाफा कमाने लगें. अगर आप भी कोई स्टार्टअप शुरू करने की सोच रहे हैं या शुरू कर चुके हैं तो आपको अपने स्टार्टअप को इन 10 कसौटियों पर कसना होगा, तभी आपका बिजनेस बड़ा बनेगा और फिर मुनाफा भी कमाएगा. अगर इन 10 कसौटियों पर स्टार्टअप खरा नहीं उतरता है तो उसे मुंह की खानी पड़ सकती है.

1- ग्रॉस प्रॉफिट

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किसी प्रोडक्ट को बनाने में आई लागत और उसे बेचने वाली कीमत के बीच के अंतर को ग्रॉस प्रॉफिट कहा जाता है. यह जितना ज्यादा होगा, आपके बिजनेस के लिए उतना ही अच्छा होगा. इसे बढ़ाने के लिए आपको सस्ती कीमत पर कच्चा माल उठाना होगा और उसे बनाने के लिए ऐसी तकनीक का इस्तेमाल करना होगा, जिससे लागत घट सके.

2- नेट प्रॉफिट

जब ग्रॉस प्रॉफिट में से सैलरी, टैक्स, ट्रांसपोर्ट, मार्केटिंग जैसे खर्चों को हटा दिया जाता है तो वह कंपनी का नेट प्रॉफिट कहलाता है. यही किसी भी कंपनी का असल मुनाफा होता है जो हाथ में बचता है. इसी के आधार पर ये तय होता है कि कंपनी आने वाले दिनों में अपने बिजनेस का कितना विस्तार करेगी.

3- रेवेन्यू और ग्रोथ

रेवेन्यू का मतलब है वह पैसे जो कंपनी को अपने प्रोडक्ट या सर्विस की सेल से मिलते हैं. जितने ज्यादा प्रोडक्ट बिकेंगे, उतना ही ज्यादा आपका रेवेन्यू होगा. आपको इस रेवेन्यू के साथ-साथ उसकी ग्रोथ पर भी ध्यान देना होगा, ताकि हर महीने आपका रेवेन्यू बढ़ता चला जाए. आपको कोशिश करनी चाहिए कि स्टार्टअप के रेवेन्यू में हर महीने कुछ ग्रोथ होती रहे.

4. खर्च का भी रखें ध्यान

बहुत सारे स्टार्टअप कई साल से बिजनेस कर रहे हैं, लेकिन आज तक मुनाफा नहीं कमा पाए. ऐसा इसलिए हो रहा है, क्योंकि उनका खर्च ज्यादा है. बड़े स्टार्टअप नुकसान होने के बावजूद सर्वाइव कर पा रहे हैं, क्योंकि उन्हें कहीं न कहीं से फंडिंग मिलती रहती है. लेकिन किसी भी स्टार्टअप को ये सोचकर बिजनेस नहीं करना चाहिए कि उसे नुकसान उठाते हुए बढ़ना है. ऐसा इसलिए क्योंकि बिजनेस का मकसद होता है मुनाफा कमाना और अगर वह नहीं होगा तो बिजनेस एक ना एक दिन बंद हो सकता है.

5- CAC का रखें ध्यान

CAC यानी कस्टमर एक्यूजिशन कॉस्ट पर हर स्टार्टअप को ध्यान देना चाहिए. इसका मतलब है कि आपको एक ग्राहक बनाने के लिए कितने रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं. यह जितना कम होगा आपका फायदा उतना ही अधिक होगा. इस कॉस्ट में मार्केटिंग, प्रमोशन, डिस्काउंट, कैशबैक आदि आते हैं, जिनसे ग्राहकों को अपनी ओर खींचने की कोशिश की जाती है.

6. कैश फ्लो पर भी गौर करें

हर बिजनेस (Business) के लिए पैसे कितने अहम हैं, ये तो हर कोई जानता ही है. तमाम स्टार्टअप (Startup) अपने बिजनेस के लिए पैसे जुटा भी लेते हैं, लेकिन सबसे मुश्किल होता है उन पैसों को मैनेज करना. कहां से पैसे आएंगे और कहां पैसों को खर्च किया जाएगा, इसका पूरा प्लान (Business Plan) तैयार करना होता है. अगर पैसों के मैनेजमेंट में छोटी सी भी गड़बड़ हुई तो उससे आपके स्टार्टअप का भविष्य खतरे में पड़ सकता है. फोर्ब्स की एक रिपोर्ट में भी यह कहा गया था कि 82 फीसदी बिजनेस कैश फ्लो (Cash Flow) के खराब मैनेजमेंट की वजह से फेल हो जाते हैं.

7. बैलेंस शीट होनी चाहिए मजबूत

किसी कंपनी के पास कितने असेट हैं और उस पर कितनी लायबिलिटी, देनदारी या बकाया है, उसका पता बैलेंस शीट से चलता है. इससे पता चलता है कि कंपनी पर कितना लोन है, वह कितने पैसे लोन का ब्याज चुकाने में खर्च करती है और लोन की तुलना में कंपनी की स्थिति कितनी मजबूत है. यानी अगर आसान भाषा में समझें तो बैलेंस शीट किसी भी कंपनी की मजबूती को दिखाती है.

8- इनोवेशन करते रहें

वैसे तो एक स्टार्टअप की शुरुआत ही किसी ना किसी इनोवेटिव आइडिया के साथ होती है, लेकिन हर बिजनेस को हमेशा इनोवेशन करते रहना चाहिए. ऐसा इसलिए जरूरी है क्योंकि अगर आप इनोवेशन नहीं करेंगे तो कोई दूसरा शख्स इनोवेशन के साथ कुछ नया ले आएगा और आपसे बेहतर प्रोडक्ट कम कीमत पर बेचने लगेगा. ऐसे में आपका बिजनेस खतरे में पड़ सकता है. हर बिजनेस को अपने मुनाफे का एक छोटा सा हिस्सा इनोवेशन और रिसर्च-डेवलपमेंट पर खर्च करना चाहिए.

9- निवेशकों में जगाएं विश्वास

कहते हैं कि बिजनेस ऐसा बनाओ कि पैसों के लिए निवेशक ना ढूंढना पड़े, वह खुद ही आपके पास आएं. अगर आपकी तमाम कोशिशों के बावजूद आपको निवेशक नहीं मिल रहे हैं तो चेक करें कि आखिर निवेशकों को आपके बिजनेस पर भरोसा क्यों नहीं हो रहा है. इस दिशा में काम करें, क्योंकि अगर फंडिंग नहीं मिलेगी तो स्टार्टअप को सिर्फ मुनाफे के आधार पर आगे बढ़ा पाना बहुत मुश्किल है.

10- कॉम्पटीटर्स से करें तुलना

अपने प्रोडक्ट को बेहतर बनाते रहें और उसकी लागत घटाने की हर संभव कोशिश करें. इस बीच अपने कॉम्पटीटर्स से अपनी तुलना करते रहें, ताकि आपको ये पता चले कि आप बाजार में कहां हैं. अगर आपके कॉम्पटीटर्स आपसे बेहतर हैं तो आपको उनसे आगे निकलने की कोशिशें करनी होंगी, वरना आज नहीं तो कल आपका बिजनेस बंद हो सकता है.