शिक्षा प्रौद्योगिकी कंपनी थिंक एंड लर्न के शेयरधारकों ने शुक्रवार को हुई असाधारण आम बैठक (ईजीएम) में कंपनी की अधिकृत शेयर पूंजी बढ़ाने के प्रस्ताव पर कोई आपत्ति नहीं जतायी. कंपनी से जुड़े सूत्रों ने यह जानकारी दी. 'थिंक एंड लर्न' के पास बायजू ब्रांड का स्वामित्व है. सूत्रों के अनुसार, बायजू के संस्थापक और परिवार को प्रबंधन पद से हटाने का प्रस्ताव रखने वाले नाराज निवेशकों में से किसी ने भी बैठक में हिस्सा नहीं लिया. 

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सूत्रों ने कहा, ‘‘बैठक सुबह 10 बजे शुरू हुई, जिसमें थिंक एंड लर्न प्रबंधन के साथ करीब 20 निवेशक प्रतिनिधि उपस्थित रहे. इससे ईजीएम के लिए आवश्यक ‘कोरम’ पूरा हो गया. डाक मतपत्र के संबंध में कुछ प्रश्न पूछे गए और चेयरमैन और सीएस ने उत्तर दिए. प्रस्ताव मांगे गए. कोई आपत्ति नहीं उठाई गई.’’ 

बायजू ने राइट्स इश्यू के जरिए 20 करोड़ अमेरिकी डॉलर जुटाने की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए कंपनी की अधिकृत शेयर पूंजी बढ़ाने के लिए ईजीएम (असाधारण आम बैठक) बुलाई थी. चार निवेशकों प्रोसस, जनरल अटलांटिक, सोफिना तथा पीक XV के एक समूह ने टाइगर और आउल वेंचर्स सहित अन्य शेयरधारकों के समर्थन के साथ बायजू की ईजीएम के खिलाफ राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) का रुख किया था. इन छह निवेशकों के पास संयुक्त रूप से कंपनी की 32 प्रतिशत हिस्सेदारी है.

एनसीएलटी की बेंगलुरु पीठ ने 'थिंक एंड लर्न' की 29 मार्च को बुलाई गई असाधारण आम बैठक (एजीएम) पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. बायजू से जुड़े सूत्रों ने कहा, ‘‘ बैठक सुबह साढ़े 10 बजे समाप्त हुई. मतदान तथा राइट्स इश्यू की परिणति के बारे में अधिक जानकारी बाद में जांचकर्ता की रिपोर्ट के बाद साझा की जाएगी. मीडिया खबरों के विपरीत, कोई भी नाराज निवेशक अपनी चिंताओं को उठाने के लिए ईजीएम में व्यक्तिगत रूप से शामिल नहीं हुआ.’’ 

निवेशक पक्ष के एक सूत्र ने दावे का विरोध किया और कहा कि सभी निवेशकों के अधिकृत प्रतिनिधि ईजीएम में शामिल हुए थे. सूत्र ने कहा, ‘‘ किसी ने इसका बहिष्कार नहीं किया. लोग या तो ईजीएम में या डाक के जरिए मतदान कर सकते हैं, इसलिए हमें छह अप्रैल के बाद तक परिणाम नहीं पता चलेगा.’’ बायजू के प्रस्ताव पर डाक मतपत्र के जरिए वोट करने का विकल्प छह अप्रैल को बंद हो जाएगा.