Mumbai News: अगर आप मुंबई में रहते हैं या मुंबई में बसने का प्लान बना रहे हैं तो आपके लिए एक बड़ी खबर सामने आ रही है. मुंबई का नाम सुनते ही सबसे पहले दिमाग में आता है समंदर. जी हां, एक समंदर और दूसरा बॉलीवुड, मुंबई को याद करने के लिए ये दो शब्द काफी हैं. मुंबई में जगह कम होने की वजह से कई बार लोगों को घर नहीं रहने को मिलता है, लेकिन अब ऐसा नहीं है. बहुत जल्द मुंबई में समंदर के किनारे बड़े-बड़े घर देखने को मिल सकते हैं. मुंबई के समंदर किनारे बने हुए घर अब और भी ऊंचे और भव्य दिखेंगे. इसकी वजह है केंद्र सरकार की ओर से सीआरजेड (CRZ) के नियमों में बदलाव करना. 

FSI में किया बदलाव

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बता दें कि साल 2019 में केंद्र सरकार ने सिफारिशों को मंजूर करते हुए समंदर किनारे बने वाले निर्माणों पर ढील दे दी थी. इसके चलते अब पहले की एफएसआई (FSI) यानी कि फ्लोर स्पेस इंडेक्स जो 1 थी को  अलग अलग स्कीम के हिसाब से 2.2 से 4  तक कर दिया गया है. 

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इन नियमों के चलते इनका रख रखाव तो आसान होगा ही साथ में रीडिवेलपमेंट के प्रोजेक्ट्स को भी गति मिलेगी. माना जा रहा है कि मुंबई के साल 2034 के डेवलेपमेंट प्लान को आधार मानकर इन नियमों में बदलाव हुए हैं.

पर्यावरणविद कर रहे हैं विरोध

वही दूसरी तरफ पर्यावरणविद इसका विरोध कर रहे हैं. उनका मानना है कि जहां एक तरफ हाई टाइड की वजह से  कोस्टल लाइन में रहने वालो के घर पानी भर जाने की समस्या से जूझ रहे है तो वही दूसरी तरफ हम कोस्टल लाइन के अंदर निर्माण कार्य कर रहे हैं. इन नियमों में बदलाव भविष्य में हमारे लिए खतरनाक साबित होगा और इसके लिए इसका विरोध करना चाहिए. 

CRZ के नियमों में छूट कोविड काल से पहले केंद्र सरकार की तरफ से दे दी गई थी लेकिन उसका असर अब धीरे धीरे देखने को मिलने लगा है. आने वाले समय में इन नियमों के बदलाव के चलते मुंबई की सूरत जरूर बदली दिखाई देगी और इसका सबसे ज्यादा फायदा बिल्डरों को होगा.