इंटरनेट तक पहुंच में भारी उछाल आने के साथ स्टोरेज क्षमता के लिए बढ़ती मांग को देखते हुए अगले तीन साल में डेटा सेंटर में 10 अरब डॉलर का निवेश होने की संभावना है. उद्योग मंडल CII और रीयल एस्‍टेट फर्म Colliers India  ने गुरुवार को मुंबई में आयोजित सम्मेलन ‘रियल एस्टेट क्षेत्र में प्रौद्योगिकी’ के दौरान जारी रिपोर्ट ‘इंडिया डेटा सेंटर: एंटरिंग क्वांटम ग्रोथ फेज’ में यह बात कही है. 

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रिपोर्ट में कहा गया, “कोविड महामारी के बाद भारत के डेटा सेंटर बाजार में अच्छी वृद्धि हुई है. इसमें 2020 के बाद कुल 7 अरब डॉलर का निवेश हुआ है.” वैश्विक डेटा सेंटर संचालकों, रियल एस्टेट कंपनियों और निजी इक्विटी फंड ने यह निवेश किया. रिपोर्ट के अनुसार, अगस्त, 2023 तक देश के सात प्रमुख शहरों- राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, बेंगलुरु, हैदराबाद और पुणे में संयुक्त रूप से कुल डेटा सेंटर क्षमता 819 मेगावाट है. इसका कुल क्षेत्रफल 1.1 करोड़ वर्गफुट है.

कोलियर्स इंडिया ने कहा कि डेटा सेंटर के 2026 तक 2.3 करोड़ वर्गफुट को पार कर जाने की संभावना है. इससे डेटा सेंटर की कुल क्षमता 1,800 मेगावाट तक होने की उम्मीद है. रिपोर्ट में कहा गया कि 2023-26 के दौरान आगामी कुल आपूर्ति में लगभग आधा हिस्सा मुंबई में होगा.

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