Varanasi-New Delhi Vande Bharat Train Kavach System: वाराणसी-नई दिल्ली के बीच जिस नई वंदे भारत एक्सप्रेस को पीएम मोदी ने सोमवार को हरी झंडी दिखाई है, उसमें पहले के मुकाबले कई सारे एडवांस फीचर्स हैं. इसके साथ ही उत्तर रेलवे ने बताया कि इस वंदे भारत में ट्रेन दुर्घटना को रोकने के लिए बनाए गए सबसे एडवांस फीचर 'कवच' को लगाया गया है. हालांकि, अधिकारियों ने बताया कि इस ट्रेन के लोको पायलट में कवच कंपोनेंट लगाने के बावजूद इसे तब तक टक्कर से नहीं बचाया जा सकता है, जब तक ट्रेन के पूरे रूट में इस सिस्टम को न लगाया जाए. अधिकारियों ने बताया कि वाराणसी-नई दिल्ली रूट पर अभी तक कवच सिस्टम नहीं लगाया गया है.

पैसेंजर्स को मिलेगा शानदार एक्सपीरिएंस

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पीएम मोदी ने जिस वंदे भारत ट्रेन को वाराणसी से नई दिल्ली के बीच लॉन्च किया है, उसके बारे में उत्तर रेलवे ने एक बयान में कहा, "इसमें (वाराणसी-नई दिल्ली वंदे भारत) बेहतर डिजाइन, इंटीरियर और स्पीड है, जो पैसेंजर्स को आरामदायक और सुविधाजनक ट्रैवल एक्सपीरिएंस देती है. ट्रेनसेट कवच तकनीक सहित सबसे उन्नत सुरक्षा सुविधाओं से भी लैस है." 

कैसे काम करता है कवच सिस्टम

कवच (Kavach) सिस्टम ट्रेन के लोको पायलट को ऑटोमैटिक ब्रेक लगाने में मदद करता है. यदि लोको पायलट ब्रेक न भी लगा पाए तो ये ट्रेनों को टक्कर से बचाता है. खराब मौसम में भी ट्रेनों को चलाने में लोको पायलट की मदद करता है. 

एक सीनियर रेलवे अधिकारी ने बताया कि कई सारे कंपोनेंट्स से मिलकर एक पूरा कवच सिस्टम तैयार होता है. लोको पायलट के अंदर कवच सिस्टम सिर्फ एक कंपोनेंट हैं. इसके बाद स्टेशन पर सिस्टम लगाना होता है और ट्रैक पर सिग्नल टावर और ऑप्टिकल फाइबर केबल में सिग्नल ट्रांसमिटिंग सिस्टम भी आता है. 

अधिकारी ने बताया कि ट्रेन के लोको इंजन में कवच सिस्टम का होना तब तक काफी नहीं है, जब तक अन्य सभी जगहों पर ये कवच सिस्टम न लगा हो. वर्तमान में कवच सिस्टम वाराणसी-नई दिल्ली मार्ग पर मौजूद नहीं है. उन्होंने बताया कि कवच सिस्टम केवल उन्हीं रेल खंडों में काम करेगी, जहां ये सभी कंपोनेंट लगे हों. 

क्या है कवच सिस्टम की तैयारी?

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) ने 6 दिसंबर को लोकसभा को सूचित किया कि कवच सिस्टम को 139 लोकोमोटिव के साथ दक्षिण मध्य रेलवे (South Central Railway) क्षेत्र में तीन खंडों में लगाया गया है. उन्होंने बताया कि Kavach को अब तक दक्षिण मध्य रेलवे पर इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट रेक सहित 1,465 रूट किमी और 139 लोकोमोटिव पर तैनात किया गया है. ये खंड हैं लिंगमपल्ली-विकाराबाद-वाडी और विकाराबाद-बीदर खंड (265 मार्ग किमी); मनमाड-मुदखेड-धोन-गुंटकल खंड (959 मार्ग किमी) और बीदर-परभणी खंड. वैष्णव ने यह भी कहा कि वर्तमान में लगभग 3,000 रूट किमी के दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-हावड़ा कॉरिडोर के लिए कवच टेंडर दिए गए हैं और इन मार्गों पर काम जारी है.