Mission Sheeghra! 100 किलोमीटर की स्पीड से दौड़ी मालगाड़ी, जल्द पहुंचेगा आपका सामान
भारतीय रेलवे माल उद्योग और व्यापार जगह को रेल परिवहन की ओर आकर्षिक करनेक के लिए कई प्रयास कर रहा है. रेलवे माल को जल्द से जल्द पहुंचाने के लिए लगातार अपनी मालगाड़ियों की स्पीड बढ़ाने पर काम कर रहा है.
भारतीय रेलवे माल उद्योग और व्यापार जगह को रेल परिवहन की ओर आकर्षिक करनेक के लिए कई प्रयास कर रहा है. रेलवे माल को जल्द से जल्द पहुंचाने के लिए लगातार अपनी मालगाड़ियों की स्पीड बढ़ाने पर काम कर रहा है. रेलवे मालगाड़ियों की स्पीड को बढ़ाने के लिए मिशन शीघ्र के तहत काम कर रहा है.
हाल ही में भारतीय रेलवे ने मिशन शिघ्र के तहत उत्तर रेलवे के लखनऊ डिवीजन में मालगाडी को 100 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड पर चलाया. मालगाडी को अधिकतम 100 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से चलने की ही अनुमति है. कोरोना वायरस के चलते किए गए लॉकडाउन के दौरान रेलवे ने अपन ट्रैकों को बेहतर बनाने का काम भी किया है.
इसी दिशा में पूर्वोत्तर रेलवे ने 12 जुलाई,2020 को मालगाड़ियों की औसत स्पीड को बढ़ा कर लगभग 50 किमी. प्रति घंटा कर दिया है. ये भी रेलवे के लिए एक बड़ी उपलब्धि है.
भारतीय रेलवे (Indian Railways ) ने पहली बार देश की सीमा से बाहर पार्सल एक्सप्रेस ट्रेन (Parcel express train) चलाई. ये पार्सल एक्सप्रेस ट्रेन आंध्र प्रदेश (Andra Pradesh) के गुंटूर जिले (Guntur district) में स्थित रेड्डीपलेम (Reddypalem) से सूखी मिर्च लेकर बांग्लादेश (Bangladesh) के बेनापोल के लिए रवाना हुई.
आंध्र प्रदेश के गुंटूर और इसके आस-पास के इलाके मिर्च की खेती (Chili farming) के लिए जाने जाते हैं. मिर्च के स्वाद और ब्रांड के लिए ये इलाका अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मशहूर है. इससे पहले, गुंटूर और आसपास के इलाके के किसान और व्यापारी कम मात्रा में सूखी मिर्च सड़क के जरिए बांग्लादेश एक्सपोर्ट कर रहे थे. इस पर लागत लगभग 7000 रुपये प्रति टन आती है.