Vande Bharat Express: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) 12 मार्च, 2024 को गुजरात के अहमदाबाद में आयोजित एक समारोह में 85,000 करोड़ रुपये से अधिक की लगभग 6000 रेलवे परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पण/शिलान्यास करेंगे. समारोह बड़े पैमाने पर अर्थात देशभर में 764 स्थानों पर आयोजित किया जाएगा. समारोह को स्टेशनों पर 10,000 डिजिटल स्क्रीन पर लाइव स्ट्रीम किया जाएगा.

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प्रधानमंत्री रेलवे कारखाना, लोको शेडों, पिट लाइनों/कोचिंग डिपो; फलटण-बारामती नई लाइन एवं इलेक्ट्रिक ट्रैक्शकन प्रणाली के अपग्रेडेशन कार्य का शिलान्याइस तथा दो नये खंडों ईस्ट र्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के न्यू खुर्जा-सानेहवाल खंड (401 रूट किमी) और वेस्टरर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के न्यू मकरपुरा-न्यू घोलवड खंड (244 रूट किमी) एवं वेस्टडर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के अहमदाबाद में स्थित ऑपरेशन कंट्रोल सेंटर का राष्ट्र को समर्पण करेंगे. 

10 नई वंदे भारत ट्रेनों के हरी झंडी

प्रधानमंत्री दस नई वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाएंगे, जिसमें पश्चिम रेलवे की  अहमदाबाद-मुंबई सेंट्रल वंदे भारत एक्सएप्रेस ट्रेन भी शामिल है. प्रधानमंत्री चार वंदे भारत ट्रेनों के विस्तार को भी हरी झंडी दिखाएंगे, जिसमें से अहमदाबाद-जामनगर वंदे भारत एक्सरप्रेस को ओखा तक विस्ता रित किया जायेगा. इसके साथ ही आसनसोल और हटिया तथा तिरूपति और कोल्लम स्टेशनों के बीच दो नई पैसेंजर ट्रेनों को भी प्रधानमंत्री हरी झंडी दिखायेंगे. 

प्रधानमंत्री विभिन्न स्थानों - न्यू खुर्जा जंक्शन, साहनेवाल, न्यू रेवाड़ी, न्यू किशनगढ़, न्यू घोलवड और न्यू मकरपुरा से डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर पर मालगाड़ियों को भी हरी झंडी दिखाएंगे.

50 पीएम जनऔशधि केंद्रों की शुरुआत

प्रधानमंत्री रेलवे स्टेशनों पर 50 प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्र राष्ट्र को समर्पित करेंगे. ये जन औषधि केंद्र लोगों को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवाएं प्रदान करेंगे. पश्चिम रेलवे पर चार स्टेशनों अंकलेश्वर, वलसाड, महेसाणा और रतलाम पर पीएमबीजेके स्थापित किए गए हैं.

51 गति शक्ति मल्टी-मोडल कार्गो टर्मिनल की भी शुरुआत

प्रधानमंत्री 51 गति शक्ति मल्टी-मोडल कार्गो टर्मिनल भी राष्ट्र को समर्पित करेंगे. ये टर्मिनल परिवहन के विभिन्न तरीकों के बीच माल की निर्बाध आवाजाही को बढ़ावा देंगे. इनमें से, पश्चिम रेलवे पर सात (7) पीएम गति शक्ति कार्गो टर्मिनल समर्पित किए जाएंगे. इनमें विरोचननगर, बेचराजी, वधारवा, सुरबारी, लिलिया मोटा, दहेज और वर्नामा में गतिशक्ति कार्गो टर्मिनल शामिल हैं.

प्रधानमंत्री 80 खंडों में 1045 रूट किमी ऑटोमेटिक सिग्नलिंग को राष्ट्र को समर्पित करेंगे. इस उन्नयन से ट्रेन परिचालन में की संरक्षा और दक्षता में वृद्धि होगी. प्रधानमंत्री 2646 स्टेशनों पर रेलवे स्टेशनों की डिजिटल कंट्रोलिंग भी राष्ट्र को समर्पित करेंगे. इससे ट्रेनों की परिचालन दक्षता और संरक्षा में सुधार होगा.

35 रेल कोच रेस्तरां

प्रधानमंत्री 35 रेल कोच रेस्तरां राष्ट्र को समर्पित करेंगे, जिसमें अंधेरी और बोरीवली में पश्चिम रेलवे के रेल कोच रेस्तरां भी शामिल हैं. रेल कोच रेस्तरां का लक्ष्य रेलवे के लिए गैर-किराया राजस्व उत्पन्न करने के अलावा यात्रियों और जनता की जरूरतों को पूरा करना है.

1500 से ज्यादा वन स्टेशन वन प्रोडक्ट

प्रधानमंत्री देशभर में फैले 1500 से अधिक वन स्टेशन वन प्रोडक्ट स्टॉल राष्ट्र को समर्पित करेंगे, जिनमें से 89 वन स्टेशन वन प्रोडक्ट स्टॉल पश्चिम रेलवे में हैं, जिनमें 34 मुंबई उपनगरीय स्टेशन भी शामिल हैं. ये स्टॉल स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देंगे और स्थानीय कारीगरों और व्यवसायों के लिए आय उत्पन्न करेंगे. इस समारोह के माध्यम से बढ़ई, सुनार, लोहार, धोबी, दर्जी आदि 6 लाख से अधिक विश्वकर्मा सीधे पीएम से जुड़ेंगे.

प्रधानमंत्री 975 स्थानों पर सौर ऊर्जा संचालित स्टेशन/भवन राष्ट्र को समर्पित करेंगे. यह पहल भारत के नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों में योगदान देगी और रेलवे के कार्बन पदचिह्न को कम करेगी.

229 गुड्स शेड

प्रधानमंत्री 229 गुड्स शेड राष्ट्र को समर्पित करेंगे, जिनमें से छह (6) गुड्स शेड पश्चिम रेलवे पर हैं. इनमें उधना, असारवा, नरोदा, राधनपुर, धोसावास और नीमच में गुड्स शेड शामिल हैं. नए गुड शेड स्थापित करके नया ट्रैफिक जोड़ा जाएगा. भारतीय रेल ने अब तक 1476 मिलियन टन लोडिंग हासिल की है जो पिछली अवधि की तुलना में 70 मिलियन टन अधिक है. पिछले वित्तीय वर्ष में, पश्चिम रेलवे 108 मिलियन टन से अधिक की कुल लोडिंग हासिल करके 100 मिलियन टन क्लब में प्रवेश करने वाला पहला गैर-कोयला बेल्ट जोनल रेलवे बन गया. इस वर्ष भी पश्चिम रेलवे 100 मिलियन टन माल लदान का आंकड़ा पार करने की ओर अग्रसर है.

कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री द्वारा नए विद्युतीकृत खंडों का समर्पण, पटरियों का दोहरीकरण/मल्टी-ट्रैकिंग, रेलवे गुड्स शेड, वर्कशॉप, लोको शेड, पिट लाइन/कोचिंग डिपो का विकास जैसी कई अन्य परियोजनाएं भी की जाएंगी. ये परियोजनाएं आधुनिक और मजबूत रेलवे नेटवर्क बनाने के प्रति सरकार के समर्पण का प्रमाण हैं. इस निवेश से न केवल कनेक्टिविटी में सुधार होगा बल्कि आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे.