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कोरोना से जंग में Indian Railways को बड़ी कामयाबी, जानने के बाद आपको भी होगा गर्व, देखें Pics

रेलवे ने मंगलवार को पहला ‘Post COVID Coach पेश किया. इस कोच में कोरोना के संक्रमण (corona infection) से बचाव के लिए कई उपाय किए गए हैं.
Updated on: July 14, 2020, 02.39 PM IST
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कोरोना काल के बाद सुरक्षित रेल यात्रा के लिए रेलवे डिब्बों में कर रहा है बड़े बदलाव

भारतीय रेलवे ने कोरोना काल के बाद के रेलवे सफर को सुरक्षित बनाने के मकसद से नए रेल कोच तैयार किये हैं. इन डिब्बों को रेल कोच फैक्ट्री, कपूरथला में बनकर तैयार किया जा रहा है. आइये जानते हैं इन डिब्बों के खास फीचर्स के बारे में.  

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कोच में हैंड्सफ्री सुविधाएं दी गई हैं

बाथरूम में अब आपको हाथ से नल को टच करने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी. नए बदलाव के तहत अब आप पैर से या footpress के जरिये पानी या साबुन बाहर आ जायेगा और आप इस्तेमाल कर सकते हैं. टॉयलेट में फ्लश के लिए फुट ऑपरेटेड फ्लश की सुविधा दी गई है. इसी तरह टॉयलेट में जाने या बाहर आने के लिए डोर हैंडल के बजाय, आप फुट प्रेस या पैरों के जरिये दरवाजा खोल सकते हैं. टॉयलेट के बाहर मौजूद वाश बेसिन पर भी अब आपको हाथों का इस्तेमाल करने की ज़रूरत नहीं होगी, आप फुट प्रेस के जरिये ही वाटर tap या साबुन use कर सकते हैं.

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कॉपर कोटिंग की गई

नए बदलाव के तहत सभी कोच हैंडल, डोर हैंडल, latches( सिटकनी) आदि पर कॉपर कोटिंग की गई है. दरअसल वायरस का प्रभाव कॉपर पर जल्द ख़त्म हो जाता है, वायरस कॉपर के संपर्क में आकर ज़्यादा समय तक सक्रिय नहीं रहते.  

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प्लाज्मा एयर प्यूरीफायर लगाया गया

सभी AC कोच में प्लाज्मा एयर प्यूरिफिकेशन का बंदोबस्त किया गया है ताकि साफ हवा एक मे यात्रियों को दी जा सके और प्लाज्मा के जरिये कोच लगातार sanitize भी होता रहेगा.  

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टाइटेनियम डाई ऑक्साइड कोटिंग की गई

यात्रियों को वायरस से सुरक्षित रखने के लिए रेल यात्रा के दौरान कोच में लगभग हर उस जगह या आपका हाथ लगता है जैसे दरवाज़े, हैंडल, टॉयलेट सीट, गिलास विंडो, कप होल्डर, सीधी वगरह पर टाइटेनियम डाई ऑक्साइड की coating की गई है. टाइटेनियम डाई ऑक्साइड वायरस या बैक्टीरियल फंगस के ग्रोथ को खत्म करता है. यही नही ये एयर क्वालिटी भी बेहतर बनाता है. और ये coating12 महीनों तक प्रभावी रहती है.  

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एक कोच बनाने में आएगा 7 लाख तक खर्च

आपकी यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए रेलवे अपने डिब्बों में इस तरह के बदलाव करने जा रहा है ताकि कोरोना काल के बाद भी आपकी रेल यात्रा सुरक्षित और संक्रमण रहित हो. रेलवे के मुताबिक ऐसे पोस्ट कोविड कोच बनाने में लगभग 6-7 लाख रुपए का खर्च आता है, योजना के तहत इस प्रकार का बदलाव बड़े स्टार पर रेल कोच में किए जाएंगे.