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रेलवे ने लॉकडाउन में बनाया ये रेल ब्रिज, फंसे श्रमिकों को फिर मिला काम  

देश में कोरोना महामारी (Corona virus) कोविड-19 (COVID-19) पर लगाम लगाने के लिए देशभर में लॉकडाउन (Lockdown) किया गया है. गृह मंत्रालय की ओर से छूट मिलने के बाद रेलवे की ओर से मणिपुर (Manipur) को रेल नेटवर्क से जोड़ने का काम फिर शुरू कर दिया गया है. रेलवे की ओर से जिरीबाम - इंफाल रेलवे लाइन पर 'Barak' नदी पर ब्रिज बनाने का काम पूरा किया गया है.  
Updated on: April 29, 2020, 06.42 PM IST
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नदी पर पुल के गार्डर का काम पूरा हुआ

भारतीय रेलवे ने  जिरीबाम- इंफाल रेलवे लाइन (Jiribam - Imphal Railway Line) पर 'Barak' नदी पर ब्रिज बनाने का काम तेजी से शुरू कर दिया है.  रेलवे की ओर से इस नदी पर 26.4.2020 को लगभग 75 मीटर ऊंचे पिलर पर सभी गार्डर रखने का काम किया गया.  इस पुल के बाकी बचे काम को भी जल्द की पूरा कर लिया जाएगा.    

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मार्च 2022 तक पूरा किया जाना है काम

मणिपुर को रेलवे लाइन से जोड़ने की परियोजना का काम लगभग 3809 करोड़ रुपये की लागत से पूरा किया जाएगा.   इस काम को मार्च 2022 तक पूरा किया जाना है.   ये ब्रिज लगभग 555 मीटर लम्बा ब्रिज है वहीं इस ब्रिज की ऊंचाई लगभग 100 मीटर है.    

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पहाड़ों को काट का बनाया जा रहा है रास्ता

 मणिपुर को रेलवे लाइन से जोड़ने के लिए कई पहाड़ों को काट कर रास्ता बनाया जा रहा है. पहाड़ी इलाका होने के चलते यहां आए दिन होने वाले भूस्खलन और अन्य मुश्किलों के बीच इस काम को तेजी से किया जा रहा है.  इस रूट पर यात्रियों को कई सुरंगे देखने को मिलेंगी.  इस रूट पर दुनिया का सबसे ऊंचा रेल गर्डर पुल भी बनाया जाना है.  इस प्रोजेक्ट को 2008 में एवार्ड किया गया था. लेकिन मोदी सरकार में इस प्रोजेक्ट के काम में तेजी आई है.    

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फ्रेट कॉरीडोर का काम भी शुरू हुआ

गौरतलब है कि लॉकडाउन के चलते बड़ी संख्या में श्रमिक DFCC की साइटों पर भी रह रहे हैं. DFCC का काम शुरू होने से इन श्रमिकों को एक बार फिर काम मिल सकेगा.  भारतीय रेलवे डेडिकेटेड फ्रेट कॉरीडोर  के काम को काफी तेजी से पूरा कर रही है. भारतीय रेलवे ने 2 अक्टूबर से खुर्जा और भदान के बीच में Eastern Dedicated Freight Corridor का एक हिस्सा कमर्शियल ऑपरेशन के लिए खोल भी दिया है. इस फ्रेट कॉरीडोर  के खुलने के बाद एक तरफ जहां समय से मालगाड़ियों को पहुंचा सकेगा वहीं दिल्ली - हावड़ा रूट पर गाड़ियों की स्पीड बढ़ाई जाएगी.  Western Dedicated Freight Corridor पर भी काफी तेजी से काम चल रहा है. इस कॉरीडोर के विकसित होने के बाद अतिरिक्त ट्रेनें चलाने में मदद मिलेगी. साथ ही ट्रेनों की स्पीड भी बढ़ाई जा सकेगी.  

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कोच फैक्ट्री में काम शुरू हुआ

भारतीय रेलवे (Indian Railways) की ‘रेल कोच फैक्ट्री (RCF), कपूरथला’ ने 28 दिनों के देशव्‍यापी लॉकडाउन के बाद 23 अप्रैल, 2020 से एक बार फिर से प्रोडक्शन शुरू कर दिया है. कोविड-19 (covid 19) के खिलाफ अथक लड़ाई के बीच गृह मंत्रालय (Home Ministry) और स्थानीय प्रशासन द्वारा जारी सभी सुरक्षा सावधानियों और दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए इस कारखाने (Factory) को फि‍र से खोला गया है. कुल मिलाकर 3744 कर्मचारियों को काम शुरू करने की इजाजत दी गई है जो आरसीएफ परिसर टाउनशिप के अंदर रह रहे हैं. गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देशों और राज्य सरकारों की एडवाइजरी के अनुसार भारतीय रेलवे की अन्य उत्पादन इकाइयां भी इस बारे में परामर्श मिलते ही निर्माण कार्य फिर से शुरू कर देंगी.