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फिर पटरियों पर लौटी नीलगिरि माउंटेन ट्रेन, बारिश के मौसम में लें भाप से चलनेवाली रेलगाड़ी का लें मजा

कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ट्रेन 21 अप्रैल को बंद कर दी गई थी, अब फिर से इसके शुरू होने से यात्रियों में उत्साह है
Updated on: September 09, 2021, 02.22 PM IST
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21 अप्रैल से बंद थी सर्विस

नीलगिरी माउंटेन रेल (NMR) पर सेवाएं चार महीने के अंतराल के बाद जिले के मेट्टुपालयम से उद्गमंडलम के लिए फिर से शुरू हो गईं. COVID-19 महामारी के कारण 21 अप्रैल को हेरिटेज ट्रेन का संचालन रोक दिया गया था.

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पहली राइड में यात्रियों में उत्साह

ये ट्रेन सेवा शुरू होते ही इसके पहले दिन 80 प्रतिशत यात्रियों की क्षमता रही. 133 पैसेंजर क्षमतावाली ट्रेन में 105 यात्रियों ने सफर किया. रेलवे प्रशासन ने यात्रियों से अपील की है कि कोरोना काल में शुरू की गई ट्रेन सर्विस का लाभ लेने के लिए कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने की अपील की है. जिसमें मास्क, सैनिटाइजर और सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखने कहा गया है.

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केवल रिजर्वेशन पर ही यात्रा

एक प्रेस विज्ञप्ति में, दक्षिण रेलवे के सेलम डिवीजन ने कहा कि मेट्टुपालयम-उदगमंडलम के बीच एक पूरी तरह से आरक्षित विशेष ट्रेन और कुन्नूर-उदगमंडलम के बीच तीन पूरी तरह से आरक्षित विशेष ट्रेनों का संचालन किया जाएगा। रेलवे ने कहा कि केवल आरक्षित यात्रियों को ही ट्रेन में चढ़ने की अनुमति होगी  

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रोमांचक यात्रा

ऊंची पहाड़ियों और खूबसूरत वादियों के बीच तैयार किए गए इस रेलवे ट्रैक को साल 1908 में बनाया गया था. इस छोटी ट्रेन में बस चार बोगियां होती हैं. माना जाता है कि ये ट्रेन एशिया की सबसे ऊंची और लंबी मीटर गेज पर चलती है. वहीं इस ट्रेन रूट पर 10 से ज्यादा सुरंग हैं और 258 ब्रिज हैं जो इस ट्रेन की यात्रा को शानदार और रोचक बनाती है.