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रोज-रोज टिकट लेने के झंझट से पाएं छूटकारा, ऐसे बनवाएं रेलवे का मंथली पास, जानिए इससे होने वाले जबरदस्त फायदे

कोरोना वायरस (coronavirus) के कारण भारतीय रेलवे (indian railway) अभी तक अपनी सेवाओं को पूरी तरह से नहीं दे पा रहा है. अधिकतर रुटों पर स्पेशल ट्रेन (special trains) ही चलाई जा रही है. हालांकि, कोरोना (coronavirus) मामलों में अब तेजी से गिरावट देखने को मिल रही है. ऐसे में उम्मीद की जा सकती है कि आने वाले समय में रेलवे पहले की तरह अपनी क्षमता के अनुसार ट्रेनों की सुविधा उपलब्ध करा सकेगी. 
Updated on: July 19, 2021, 05.26 PM IST
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कई रूट्स में जेनरल पैसेंजर ट्रेनों का परिचालन शुरू

कई रूट्स में जेनरल पैसेंजर ट्रेनों का परिचालन शुरू कर दिया गया है. धीरे-धीरे सभी राज्यों में इसकी शुरुआत होने की संभावना है. ऐसे में कई लोग अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में रेल का सफर करते हैं. ऑफिस जाने से लेकर कई और जरूरी कामों के लिए यात्री पूरी तरह से रेल पर निर्भर रहते हैं. ऐसे में आज हम आपको रेलवे का मंथली पास को लेकर कुछ जानकारी देने जा रहे हैं. रेलवे मंथली पास बनवाने से आपको कई तरह के फायदे मिल सकते हैं. 

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रिजर्वेशन कोच में वैलिड नहीं मानी जाती है मंथली पास

दूर जाने वाले स्‍टूडेंट्स, जॉबवर्कर्स, शिक्षक, स्‍वास्‍थ्‍यकर्मी अक्सर इस मंथली पास का उपयोग करते हैं. मंथली पास बनवाने से एक तरफ जहां लोगों को किराया कम देना पड़ता है तो वहीं दूसरी ओर रोजना टिकट लेने के झंझट से भी आजादी मिलती है. मंथली पास रिजर्वेशन कोच में वैलिड नहीं मानी जाती है. इसका यूज सिर्फ मेल, पैसेंजर ट्रेन के अनारक्षित डिब्बे में इस पास का उपयोग किया जा सकता है. हालांकि, रेल प्रशासन द्वारा जहां कहीं अनुमति दी गई हो, वहां यात्री सुपरफास्ट ट्रेनों के अनारक्षित डिब्बों में भी यात्रा कर सकते हैं. 

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रेलवे की ओर से जारी किया जाता है आईडी कार्ड

मंथली पास बनवाने वालों को एक रुपये की मामूली कीमत पर प्लास्टिक कवर के साथ एक फोटो पहचान पत्र दिया जाता है. जिसकी वैधता 5 साल के लिए होती है. इस पहचान पत्र में धारक का नाम, पता, आयु, लिंग और हस्ताक्षर होता है.  यात्री को मंथली पास के साथ इस पहचान पत्र को दिखाना आवश्यक होता है, इसके बिना यात्री को बिना टिकट माना जाता है. इस आईडी कार्ड पर किस राज्य में कौन सी रूट के लिए पास मान्य होगा उसका विवरण भी दिया जाता है.   

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दूरी के हिसाब से तय होती है मंथली पास की कीमत

मंथली पास की कीमत उसके दूरी के हिसाब से तय होती है. रेलवे की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक 1 से 20 किलोमीटर तक के लिए सेकेंड क्लास में 100 रुपये और फर्स्ट क्लास में 325 रुपये का चार्ज लिया जाता है. वहीं 21 से 45 किलोमीटर के लिए सेकेंड क्लास में 185 रुपये और फर्स्ट क्लास में 565 रुपये देने होते हैं. जबकि 46 से 70 किलोमीटर तक की दूरी तय करने के लिए सेकेंड क्लास में 270 और फर्स्ट क्लास 1045 तक का किराया लिया जाता है. इस तरह यह प्रक्रिया दूरी के हिसाब से बढ़ती चली जाती है. 

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छात्र-छात्राओं को रेलवे देती है नि:शुल्क मंथली पास

नि:शुल्क मंथली पास (एमएसटी) की सुविधा 10वीं कक्षा तक पढ़ने वाले छात्र और 12वीं कक्षा तक पढ़ने वाली छात्राओं को निवास स्थान और स्कूल के बीच प्रतिदिन आने-जाने के लिए उपलब्ध कराया जाता है. इसके लिए उनसे किसी तरह का कोई पैसा नहीं लिया जाता है.