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ट्रैक्टर हो या दूध का ट्रांस्पोर्टेशन किसानों की मदद के लिए रेलवे कर रहा कई प्रयास, रेल मंत्री ने कही ये बात 

भारतीय रेलवे किसानों की आय बढ़ाने और इस मुश्किल समय में उनकी मदद के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. किसानों की जरूरत को ध्यान में रखते हुए रेलवे बड़े पैमाने पर कृषि और किसानों की जरूरत से जुड़ी वस्तुओं के ट्रांस्पोर्टेशन पर जोर दे रहा है. रेलवे के बेंगलुरु डिविजन ने पिछले 2 दिनों में 350 ट्रेक्टरों का देश के अलग अलग हिस्सों तक पहुंचाया है. रेल मंत्री पियूष गोयल ने ट्वीट करके कहा कि भारतीय रेलवे किसानों के साथ है.
Updated on: June 06, 2020, 10.37 AM IST
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एक महीने में 1500 ट्रैक्टर पहुंचाए जाएंगे

भारतीय रेलवे के बेंगलुरु डिविजन के अंतर्गत एक महीने में कुल 1,500 ट्रेक्टरों का ट्रांसपोर्टेशन करने का प्लान बनाया गया है ताकि देश के अलग अलग हिस्सों में जरूरत के हिसाब से मांग को देखते हुए ट्रैक्टर पहुंचाए जा सकें. रेल मंत्री पियूष गोयल ने ट्वीट करके कहा कि भारतीय रेलवे किसानों के साथ है. रेल मंत्री ने कहा कि देश के अन्नदाताओं के लिए भारतीय रेलवे हर संभव प्रयास कर रही है.  

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दूध के ट्रांस्पोर्टेशन को लेकर भी किए गए खास इंतजाम

भारतीय रेलवे ने देश भर में दूध को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने के लिए खास तरह की दूध की वैन (Rail Milk Tank) तैयार की है. इस दूध की वैन की क्षमता 44,660 लीटर की है. इस वैन की क्षमता पहले की वैन की क्षमता की तुलना में लगभग 12 फीसदी अधिक है. इस वैन का इंटीरियर स्टेनलेस स्टील का है. ये वैन 110 किलोमीटर प्रति घंटा की क्षमता से दूध को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचा सकती है.  

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किसानों को मिलेगा फायदा

इस रेल मिल्क टैंक से दूध को एक जगह से दूसरी जगह बेहद कम खर्च और सुरक्षित तरीके से पहुंचाया जा सकेगा. इस रेल मिल्क टैंक के चलने से किसानों को फायदा मिलेगा. उन्हें अपने उत्पाद की बेहद कीमत मिल सकेगी.  

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किसान रेल स्कीम का हुआ था ऐलान

सरकार ने बजट में किसान रेल योजना (Kisan Rail Scheme) के तहत देशभर में जल्द ही ट्रेनें चलाने का ऐलान किया था. किसानों के उत्पादों को तेजी से देश में एक हिस्से से दूसरे हिस्से तक पहुंचाने के लिए रेलवे बड़ी संख्या में ट्रेने चलाने की तैयारी कर रहा है.  

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बनाए जा रहे हैं रेफ्रिजरेटेड कोच

रेल मंत्रालय ने रेफ्रिजरेटर बोगियों (Refrigerator Coach) की फ्लीट कपूरथला रेल कोच फैक्ट्री (Rail Coach Factory in Kapurthala) से खरीदी है. एक रेफ्रिजरेटर पार्सल वैन (Refrigerator Parcel Van) की क्षमता 17 टन है. रेलवे के गुंतकल (Guntakal) मंडल में पहली बार रेफ्रीजरेटेड पार्सल वैन के जरिए रेलवे के रेफ्रीजरेटेड पार्सल वैन में केले की लोडिंग की गई. इस केले को मध्य पूर्व के देशों में निर्यात किया जाएगा. अगले तीन महीने में इस तरह के 25 रेक भेजे जाएंगे. हर रेक से रेलवे को लगभग 25 लाख रुपये की कमाई होगी.