• होम
  • तस्वीरें
  • रेलवे की बड़ी तैयारी, हर ट्रेन और डिब्बे की मिलेगी लाइव लोकेशन, इस तकनीक का होगा इस्तेमाल

रेलवे की बड़ी तैयारी, हर ट्रेन और डिब्बे की मिलेगी लाइव लोकेशन, इस तकनीक का होगा इस्तेमाल

जल्द ही ट्रेनों के साथ ही ट्रेन में लगे हर डिब्बे की लाइव लोकेशन का पता करना बेहद आसान हो जाएगा. इसके लिए रेलवे खास तैयारी कर रहा है. दरअसल भारतीय रेलवे (Indian Railway) ने दिसंबर 2022 तक अपने सभी डिब्बों में आरएफआईडी टैग (RFID tags) लगाने की योजना तैयार की है.
Updated on: July 25, 2020, 09.18 AM IST
1/5

2022 तक सभी रेल डिब्बों में लग जाएगा आरएफआईडी टैग

भारतीय रेलवे दिसंबर 2022 तक सभी रेल डिब्बों में रेडियो-फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन टैग (radio-frequency identification tag) यानी कि आरएफआईडी लगाने के काम को पूरा कर लेगा. इस टैग के जरिए रेल डिब्बे जहां कहीं भी हों उनका लाइव लोकेशन पता लगाया जा सकता है.  

2/5

अब तक 23000 रेल डिब्बों में आरएफआईडी टैग लगाए जा चुके हैं.

अब तक 23000 रेल डिब्बों में आरएफआईडी टैग लगाए जा चुके हैं. रेलवे के बाकी डिब्बों में ये टैग लगाने का काम लगातार किया जा रहा है. कोविड महामारी (Covid epidemic) के कारण कुछ समय के लिए यह काम धीमा पड़ गया था लेकिन फिर से पूरी क्षमता से किया जा रहा है. सरकार ने भारतीय रेलवे के सभी डिब्बों में आरएफआईडी टैग लगाने के लिए दिसंबर 2022 तक की समय सीमा तय की है.  

3/5

रेलवे फिलहाल मैन्युवल तरीके से रखता है डिब्बों की जानकारी

फिलहाल भारतीय रेलवे अपने सभी रेल डिब्बों की जानकारी लिखित रूप में रखता है इसमें डिब्बों की डीटेल दर्ज करने में गलती होने की गुंजाइश बनी रहती है. ऐसे में रेलवे के लिए आरएफआईडी टैग से अपने सभी डिब्बों और इंजनों की सही स्थिति जानना आसान हो जाएगा.  

4/5

डिब्बों को बनाए जाते समय ही लगाया जा रहा है आरएफआईडी टैग

रेलवे के डिब्बे जहां बनकर तैयार होते हैं वहीं उनपर आरएफआईडी टैग लगा दिया जा रहा है. वहीं इस टैग को पढ़ने वाले रीडर रेलवे स्टेशनों और रेल पटरियों के पास कुछ खास जगहों पर लगाए जाएंगे जो डिब्बो पर लगे टैग को दो मीटर की दूरी से ही पढ़ लेंगे और डिब्बे की पहचान कर डिब्बे की डीटेल सेंट्रल कंप्यूट्राइज सिस्टम तक पहुंचा देंगे. इससे हर डिब्बे की पहचान की जा सकेगी और वो डिब्बा देश में जहां कहीं भी होगा उसका पता लगाया जा सकेगा.    

5/5

डिब्बों का बेहतर तरीके से हो सकेगा मैनेजमेंट

फिलहाल रेलवे ने अलग अलग जोन को डिब्बे बांट रखे हैं. ऐसे में एक जोन का डिब्बा दूसरे जोन में जाता और आता रहता है. कई बार सही जानकारी होने से एक जोन का डिब्बा दूसरे रेलवे में काफी समय तक पड़ा रहता है जिसका सही इस्तेमाल नहीं हो पाता है. ऐसे में आरएफआईडी टैग सिस्टम शुरू हो जाने से माल डिब्बों, यात्री डिब्बों और इंजन की कमी की समस्या को बेहतर तरीके से मैनेज किया जा सकेगा .