IRCTC Tour Package: नए साल में अगर आप अपने परिवार के साथ कहीं घूमने का प्लान कर रहे हैं तो नॉर्थ ईस्ट बेस्ट है. हर साल लाखों सैलानी इन राज्यों में घूमने जाते हैं. यह पैकेज 6 दिन और 5 रात का है. पैकेज 21 जनवरी 2023 से शुरू होगा. इस पैकेज में आपको ब्रेकफास्ट और डिनर की सुविधा मिलेगी. इस पैकेज में आपको फ्लाइट से आने-जाने की सुविधा मिलेगी. कहां मिलेगा घूमने का मौका इस पैकेज के जरिए आप सबसे पहले कोलकाता से गुवाहाटी जाएंगे. इसके बाद आप गुवाहाटी से शिलांग जाएंगे.इसके बाद आपको चेरापूंजी, दाऊजी, मावलिननॉन्ग और गुवाहाटी घूमने का मौका मिलेगा.इस पैकेज में आपको फ्लाइट से जाने आने की सुविधा मिलेगी. इसके अलावा आपको हर जगह रात में होटल में रुकने की सुविधा मिलेगी.इस टूर पर अकेले जाने पर आपको प्रति व्यक्ति 41,350 रुपये, दो लोगों को 28,250 रुपये देना पड़ेगा. वहीं तीन लोगों को 26,750 रुपये का शुल्क देना होगा. शिलांग में घूमने के लिए बेस्ट जगह चेरापूंजी-चेरापूंजी (Cherrapunji) का स्थानीय और आधिकारिक नाम सोहरा (Sohra) है. यह भारत के मेघालय राज्य के पूर्व खासी हिल्स जिले में स्थित एक बस्ती है. यह शिलांग से 53 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. यह स्थान दुनियाभर में सर्वाधिक बारिश के लिए जाना जाता है. इसके नजदीक ही नोहकालीकाई झरना है, जिसे पर्यटक जरूर देखने जाते हैं. यहां कई गुफा भी हैं, जिनमें से कुछ कई किलोमीटर लम्बी हैं. चेरापूंजी बांगलादेश सीमा से काफी करीब है, इसलिए यहां से बांगलादेश को भी देखा जा सकता है. रविवार को सोहरा/चेरापूंजी की यात्रा करने से बचें क्योंकि सभी दुकानें बंद रहती हैं और कुछ कैब चलती हैं.

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पुलिस बाजार- अब जब आप शिलांग जा ही रहे हैं, तो यहां के मशहूर बाजार पुलिस बाजार में भी घूमने जरूर जाएं. आप चाहे स्थानीय खाने का स्वाद चखना चाहते हो और अंतरराष्ट्रीय व्यंजनों का टेस्ट लेना चाहते हो या फिर, कपड़े खरीदना चाहते हो या कुछ स्थानीय हस्तशिल्प खरीदना चाहते हो पुलिस बाजार में आपको वो सबको कुछ मिलेगा जिसकी इच्छा आप रखते हैं.

लेडी हैदरी पार्क- शिलांग के लाबन क्षेत्र में स्थित लोकप्रिय लेडी हैदरी पार्क है, जिसका नाम राज्य की पहली महिला और असम के राज्यपाल की पत्नी लेडी हैदरी के नाम पर रखा गया है. जब आप इस पार्क में जाएंगे तो सबसे पहली चीज जो आपकी नजर आएगी, वो है यहां के बगीचे को जापानी शैली में बनाना. यहाँ एक छोटी सी झील भी है जहाँ बत्तख और रंगीन मछलियां देखने को मिल जाएंगी. यहां हर उम्र के पर्यटक घूमने के लिए आते हैं, जहां वो टहलते हुए ऑर्किड और रोडोडेंड्रोन के आकर्षक संग्रह के साथ खूबसूरती से सजे हुए लॉन को देख सकते हैं. लेडी हैदरी पार्क घूमने के अलावा फोटोग्राफी के साथ-साथ बोटिंग जैसी मजेदार गतिविधि में शामिल होने के भी कई अवसर प्रदान करता है.

 

मावलिननॉन्ग- इस गांव को भगवान का बगीचा बोला जाता है. ये गांव कई सालों से स्वच्छता के लिए प्रसिद्ध है.इस गांव में पेड़ों की जड़ों से ब्रिज बनाए गए हैं. इन ब्रिज की खूबसूरती देखते ही बनती है और ये ट्रेकिंग के लिए भी खास हैं. इस खूबसूरत गांव में प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं किया जाता है. यहां बांस की बनी हुई डस्टबिन का प्रयोग किया जाता है. इस गांव में लोग सामान ले जाने के लिए कपड़ों से बने थैलों का प्रयोग करते हैं. यहां के बच्चे भी साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखते हैं.  ये एक आदर्श गांव है. यहां के लोगों पेड़ों के लिए खाद बनाने के लिए कचरे को एक गड्ढे में डालकर रखते हैं. ये गांव महिला सशक्तिकरण की मिसाल भी पेश करता है. यहां पर बच्चों को मां का सरनेम मिलता है और पैतृक संपत्ति मां द्वारा घर की सबसे छोटी बेटी को दी जाती है.

शिलांग घूमने का बेस्ट समय आप किसी भी समय शिलांग घूमने जा सकते हैं. मेघालय के स्ट्रीट फूड में पारंपरिक व्यंजन 1. मोमोज-यहां के लोग मोमोज काफी पसंद करते हैं. शाकाहारी लोग गोभी और गाजर के मोमोज को पसंद कर सकते हैं, जबकि मांसाहारी चिकन की स्टफिंग के साथ खाना पसंद करते हैं. 2. दोह- खलीह- यह एक तरह का सलाद है. यह आम तौर पर पिसा हुआ मांस, प्याज, मिर्च और सब्जियों जैसे गाजर, बीन्स, टमाटर, नींबू, मटर आदि से बनाया जाता है. इसको ब्रेड के टुकड़े, उबले हुए चावल, मोमोज आदि के साथ खाया जाता है. 3. जादोह-यहां के लोगों की यह खास रेसिपी है. इसमें मांस और लाल चावल के व्यंजन में चिकन, मछली या उबली हुई सब्जियों के साथ खाया जाता है. इसमें हल्दी, तेजपत्ता, काली मिर्च, प्याज, लहसुन, अदरक और स्थानीय जड़ी-बूटियों और मसाले डाले जाते हैं. 4. नखम बिच्ची-यह एक तरह का गर्म और मसालेदार सूप डिश है, जो शिलांग में खाने से पहले बनती है. नखम सूखी मछली से बना होता है. यह काली मिर्च और कटी हुई लाल/हरी मिर्च की ग्रेवी के साथ सर्व की जाती है. 5. पुमालोई-यह चावल के पाउडर से बना एक व्यंजन है और इसे एक खास तरह के बर्तन में उबाला जाता है मेघालय की संस्कृति में एक उत्सव के रूप में व्यापक रूप से खाया जाता है, इसे अच्छी ग्रेवी के साथ खाया जाता है, जो आमतौर पर चिकन या सूअर के मांस के साथ पकाई गई सब्जियों से होती है.