रेलवे ने नेशनल हाई-स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NHSRCL) के मैनेजिंग डायरेक्टर सतीश अग्निहोत्री (Satish Agnihotri) की सेवाएं समाप्त कर दी हैं. वह सरकार की महत्वाकांक्षी "बुलेट ट्रेन" परियोजना के प्रभारी थे. वरिष्ठ अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी. अधिकारियों ने बताया कि अग्निहोत्री का प्रभार NHSRCL के प्रोजेक्ट डायरेक्टर राजेंद्र प्रसाद को तीन महीने के लिए सौंपा गया है.

क्या है आरोप

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रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि अग्निहोत्री के खिलाफ आधिकारिक पद के दुरूपयोग और अनधिकृत तरीके से धन को एक निजी कंपनी को भेजने सहित कई आरोप हैं.

उन्होंने बताया कि अग्निहोत्री की सेवाएं समाप्त करने का फैसला लोकपाल अदालत के दो जून के आदेश के बाद आया है, जिसमें CBI को NHSRCL के पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर द्वारा एक निजी कंपनी के साथ एक दूसरे को फायदा पहुंचाने के लिए किये गए कथित करार के आरोपों की जांच का आदेश दिया गया था.

क्या है NHSRCL

NHSRCL, भारत सरकार और हाई-स्पीड रेल परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिए भागीदार राज्यों का एक संयुक्त उद्यम है. यह मुंबई और अहमदाबाद के बीच सरकार की महत्वाकांक्षी बुलेट ट्रेन परियोजना की क्रियान्वयन एजेंसी है.

उन्होंने बताया कि अग्निहोत्री ने रेल विकास निगम लिमिटेड (RVNL) के सीएमडी के तौर पर नौ साल के अपने कार्यकाल के दौरान इन गतिविधियों को कथित तौर पर अंजाम दिया था.

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लोकपाल अदालत ने सीबीआई को यह पता लगाने का निर्देश दिया था कि अग्निहोत्री के खिलाफ क्या भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम, 1988 के तहत कोई अपराध का मामला बनता है. CBI को जांच रिपोर्ट लोकपाल कार्यालय को छह महीने में या 12 दिसंबर 2022 से पहले सौंपने को कहा गया है

एनएचएसआरसीएल के कंपनी सचिव को संबोधित रेलवे बोर्ड के सात जुलाई के पत्र में कहा गया है, "सक्षम प्राधिकार ने सतीश अग्निहोत्री की सेवाएं समाप्त करने को मंजूरी दे दी है. उन्हें तत्काल प्रभाव से सेवामुक्त किया जाता है."

ये भी हैं आरोप

अधिकारियों ने यह भी आरोप लगाया है कि अग्निहोत्री ने अपनी सेवानिवृत्ति के एक साल के अंदर एक निजी कंपनी में नौकरी शुरू कर दी. यह सरकार के उन नियमों का उल्लंघन है जो सेवानिवृत्त अधिकारियों को सेवानिवृत्त होने के बाद केंद्र की अनुमति के बगैर एक साल से पहले कोई वाणिज्यिक नियुक्ति स्वीकार करने से निषिद्ध करता है.

आरोपों से इंकार

अग्निहोत्री के करीबी सूत्रों ने पीटीआई-भाषा को बताया कि वरिष्ठ नौकरशाह ने सभी आरोपों से इनकार किया है और कहा कि उन्होंने किसी खास कंपनी को फायदा नहीं पहुंचाया और ना ही उनका बेटा इस तरह की किसी कंपनी में काम करता है जिसे कार्य सौंपे गये थे.

उन्होंने बताया कि अग्निहोत्री ने यह भी कहा है कि उन्होंने कार्मिक विभाग को पत्र लिखकर कंपनी में नौकरी शुरू करने से पहले एक साल की 'कूलिंग ऑफ' (किसी निजी कंपनी में नौकरी नहीं करने की) अवधि में छूट देने का आग्रह किया था.

संपर्क किये जाने पर अग्निहोत्री ने इस विषय पर कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया.