भारतीय रेलवे (Indian Railways) के जबलपुर मंडल (Jabalpur Division) में बैटरी से चलने वाला  ड्यूल मोड शंटिंग लोको 'नवदूत' बनाया है. रेलवे इस इंजन का सफर ट्रायल कर रहा है. रेलवे में इसे बड़ी बड़ी सफलता के तौर पर देखा जा रहा है. आने वाले दिनों में रेलवे में इस तरह के और इंजन देखे जा सकते हैं.

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रेल मंत्री ने कही ये बात

रेल मंत्री पियूष गोयल ने ट्वीट करके कहा कि बैटरी से ऑपरेट होने वाला यह लोको एक उज्ज्वल भविष्य का संकेत है, जो डीजल के साथ ही विदेशी मुद्रा की बचत करने में मदद करेगा. साथ ये इंजन पर्यावरण संरक्षण में के काम में भी एक बड़ा कदम होगा.

2030 तक ‘नेट जीरो कार्बन एमिशन नेटवर्क’ तैयार होगा

रेलवे ने 2030 तक ‘नेट जीरो कार्बन एमिशन मास ट्रांसपोर्टेशन नेटवर्क’ तैयार करने का लक्ष्य रखा है. इस दिशा में भी ये बड़ा कदम माना जा रहा है. West central rail ने जबलपुर स्टेशन (Jabalpur station) के प्लेटफार्मों पर खास सिस्टम लगाया है. इसके तहत ट्रेन नहीं होने पर स्टेशन की 70 फीसदी लाइट अपने आप बंद हो जाएगी सिर्फ 30 फीसदी लाइट ही चालू रहेगी.

 

अपने आप बंद हो जांएगी 70 फीसदी लाइटें

जबलपुर स्टेशन के प्लेटफार्मों पर इस्तेमाल की गई तकनीके के जरिए जैसी ही प्लेटफॉर्म पर दूसरी ट्रेन आएगी सभी लाइटें अपने आप जल जाएंगी. वहीं ट्रेन जाने पर फिर 70 फीसदी लाइट बंद हो जाएगी.

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ट्रेनों को सोलर एनर्जी से चलाने की है तैयारी

भारतीय रेलवे (Indian Railways) ट्रेनों को सोलर एनर्जी (Solar energy) से चलाने की तैयारी कर रहा है. हाल ही में रेलवे ने इस दिशा में बड़ा प्रयोग किया है. रेलवे ने पायलट प्रोजेक्ट (pilot project) के तहत मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के बीना (Bina) में सोलर पावर प्लांट (solar power plant) लगाया है. ये प्लांट रेलवे की खाली पड़ी जमीन (Railway Land) पर लगाया गया है. इस सोलर प्लांट से 1.7 मेगा वाट की बिजली का उत्पादन होगा और इस प्लांट से बनने वाली बिजली से ट्रेनें चलाई जाएंगी. रेलवे अगले 15 दिन  में बीना सोलर पावर प्लांट भारतीय रेलवे के लिए कमीशन यानी चालू कर दिया जाएगा.