कारोनाकाल में लॉकडाउन के चलते देश में कई जगह गतिरोध कायम था और इधर उत्तर पूर्व के पहाड़ी राज्यों में रेलवे अपने नेटवर्क के विस्तार में लगा हुआ था. रेलवे की कड़ी मेहनत का ही ये नतीजा है कि मणिपुर की राजधानी इम्फाल को रेलवे लाइन से जोड़ने का काम तेजी से पूरा किया जा रहा है. अब दावा किया जा रहा है कि मजह 27 महीनों के भीतर इम्फाल भारतीय रेलवे के नक्शे में आने की उम्मीद है. इस उपलब्धि के बाद इम्फाल पहाड़ों में बसे राज्यों में ऐसी चौथी राजधानीवाला शहर होगी जहां रेलवे स्टेशन से कनेक्टिविटी पूरी हो जाएगी.

रेलवे से जुड़नेवाली पहाड़ों की चौथी राजधानी

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नॉर्थ ईस्ट फ्रंटियर रेलवे  (NFR), ने पहले ही असम के मुख्य शहर गुवाहाटी (करीब में राजधानी दिसपुर), त्रिपुरा की राजधानी अगरतला और अरुणाचल प्रदेश के नाहरलागुन (राजधानी शहर ईटानगर से सटे) को जोड़ चुका है, पूर्वोत्तर राज्य - मिजोरम और नागालैंड की दो और राजधानियों को भी रेलवे लाइन से जोड़ने के लिए ट्रैक बिछाया जा रहा है.

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111 किमी लंबा ट्रैक, 12 हजार करोड़ की लागत

NFR की CPRO गुनीत कौर समाचार एजेंसी आईएएनएस से कहती हैं कि NFR(निर्माण) संगठन 12,264.15 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से 111 किलोमीटर की जिरीबाम-इंफाल नई ब्रॉड गेज रेलवे लाइन परियोजना को क्रियान्वित कर रहा है और परियोजना को पूरा करने की तय तारीख दिसंबर 2023 रखी गई है. उन्होंने बताया कि इस परियोजना में आठ नए स्टेशन भवन, 11 बड़े पुल, 134 छोटे पुल, चार रोड ओवरब्रिज, 12 रोड अंडरब्रिज और रिकॉर्ड लंबाई 71,066 मीटर से अधिक सुरंग का निर्माण किया जा रहा है.

ईस्ट लुक पॉलिसी के लिए भी अहम

सभी स्टेकहोल्डर्स की ओर से परियोजना को समय पर पूरा करने से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई. भारत सरकार की "एक्ट ईस्ट पॉलिसी" को ध्यान में रखते हुए, भविष्य में म्यांमार के लिए रेल संपर्क को आगे बढ़ाने के लिए भी इस परियोजना को समय पर पूरा करना बहुत जरूरी है. परियोजना के पूरा होने से मणिपुर की समृद्ध संस्कृति दुनिया के सामने आएगी.

देश की सबसे लंबी सुरंग इस ट्रैक पर

इस रेलवे लाइन में देश की सबसे लंबी रेलवे सुरंग तैयार हो रही है. 11.55 किमी लंबी सुरंग संख्या 12 जिरीबाम-तुपुल-इंफाल रेलवे लाइन पर भारत की सबसे लंबी रेलवे सुरंग है और यह सुरंग जम्मू और कश्मीर में बनिहाल-काजीगुंड लाइन पर प्रसिद्ध पीर पंजाल सुरंग (8.5 किमी) से लंबी है.