Flying Ranee Train: पश्चिम रेलवे ने मुंबई सेंट्रल-सूरत फ्लाइंग रानी एक्सप्रेस (12921/12922) में आज से बड़ा बदलाव किया है. यह ट्रेन 18 दिसम्बर 1979 को देश की एक मात्र डबल डेकर ट्रेन के रूप में परिवर्तित हुई थी. लेकिन अब 42 साल बाद इस ट्रेन में 42 साल बाद बिना डबल डेकर कोच के ‘फ्लाइंग रानी एक्सप्रेस’आज रवाना हुई. केंद्रीय रेल और वस्त्र राज्य मंत्री दर्शना जरदोश ने आज मुंबई सेंट्रल स्टेशन से इसको हरी झंडी दिखाकर रवाना की.

  यात्रियों को मिलेगी काफी सुविधा पश्चिम रेलवे द्वारा यात्रियों के यात्रा अनुभव को और अधिक सुखकर बनाने के लिए ट्रेन संख्‍या 12921/12922 मुंबई सेंट्रल-सूरत फ्लाइंग रानी एक्सप्रेस के पारंपरिक रेक को एलएचबी रेक से बदलने का निर्णय लिया गया है. माननीया केंद्रीय रेल एवं वस्त्र राज्य मंत्री श्रीमती दर्शना जरदोश रविवार, 16 जुलाई, 2023 को मुंबई सेंट्रल स्टेशन से इस नवपरिवर्तित ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगी और इस बेहद लोकप्रिय ट्रेन में यात्रा भी करेंगी. 1906 में  शुरू हुई थी यात्रा पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी श्री सुमित ठाकुर द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार सूरत जाने वाली इस बेहद लोकप्रिय एक्सप्रेस ट्रेन ने 1906 में अपनी यात्रा शुरू की थी. वर्ष 1965 में, फ्लाइंग रानी एक्सप्रेस ट्रेन ने एक और उपलब्धि हासिल की जब इसे देश की सबसे तेज़ मध्यम दूरी की ट्रेन घोषित किया गया. इसी दौरान , इस ट्रेन के डिब्बों का रंग बदला गया और पश्चिम रेलवे द्वारा इसे नीले रंग का एक अलग हल्का एवं गहरा कोट दिया गया. इस ट्रेन को तब WP लोकोमोटिव द्वारा चलाया जाता था, जिसमें भाप इंजन इतना मोडिफाइड होता था कि उसे रास्ते में पानी की आवश्यकता नहीं होती थी. नवंबर, 1976 में इस ट्रेन को हल्के और गहरे हरे रंग में रंगा गया और अंततः जून, 1977 से इसमें एक परिष्कृत विद्युत कर्षण पर चलाया जाने लगा. 18 दिसंबर, 1979 को फ्लाइंग रानी एक्सप्रेस ट्रेन भारतीय रेल के इतिहास में पहली ट्रेन बन गई, जिसमें उस समय के "परिवर्तनकारी" डबल डेकर कोच जोड़े गये.  ट्रेन में होंगे 21 कोच श्री ठाकुर ने बताया कि अब ट्रेन संख्‍या 12921/12922 मुंबई सेंट्रल-सूरत फ्लाइंग रानी एक्सप्रेस 16 जुलाई, 2023 से मुंबई सेंट्रल से और 17 जुलाई, 2023 से सूरत से पारंपरिक रेक के बजाय एलएचबी रेक के साथ चलेगी. इस ट्रेन में 21 कोच होंगे जिनमें एसी चेयर कार (आरक्षित), सेकेंड क्‍लास सीटिंग कोच जिसमें 7 कोच आरक्षित होंगे , 1 कोच प्रथम श्रेणी एमएसटी पास धारकों के लिए निर्धारित होगा और 6 कोच अनारक्षित होंगे और सामान्य द्वितीय श्रेणी कोच जिनमें 1 कोच सामान्य के रूप में चिह्नित किया जाएगा, जबकि 1 कोच द्वितीय श्रेणी एमएसटी पास धारकों के लिए, 1 कोच महिलाओं के लिए और एक कोच द्वितीय श्रेणी एमएसटी महिला पासधारकों के लिए निर्धारित रहेगा. इस बदलाव से यात्रियों को सुविधा मिलने के साथ ही सुरक्षा में भी वृद्धि होगी.