Delhi-Varanasi bullet train: दिल्ली और वाराणसी के बीच बुलेट ट्रेन योजना को जमीन पर उतारने के लिए तेजी से काम चल रहा है. इस कड़ी में नेशनल हाईस्पीड रेल कॉरपोरेशन (NHRCL) ने रेल मंत्रालय (Rail Ministry) को अपनी डिटेल्ड प्रॉजेक्ट रिपोर्ट (DPR) सौंप दी है. DPR के बाद फाइनल डिटेल्ड प्रॉजेक्ट तैयार करने के लिए LiDAR सर्वे कराया जाएगा.

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ये होगा रूट (Delhi-Varanasi HSR corridor)

डीपीआर के मुताबिक, दिल्ली और वाराणसी के बीच दौड़ने वाली बुलेट ट्रेन मथुरा, आगरा, इटावा, लखनऊ, रायबरेली, प्रयागराज, भदोही होती हुई वाराणसी पहुंचेगी. इसे आगे अयोध्या तक भी जोड़ा गया है. यह ट्रेक 865 किलोमीटर लंबा होगा. 

लाइट डिटेक्शन एंड रेंजिंग सर्वे (LiDAR)

डीपीआर के बाद अब नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड दिल्ली-वाराणसी कॉरिडोर (HSR corridor) के लिए डिटेल परियोजना रिपोर्ट तैयार करने के लिए हेलिकॉप्टर के माध्यम से लेजर तकीनीक का इस्तेमाल करके लाइट डिटेक्शन एंड रेंजिंग सर्वे (LiDAR) कराएगा.

जोड़ा जाएगा नोएडा का जेवर एयरपोर्ट (Jewar Airport)

अयोध्या के लिए इस ट्रेक को नोएडा के जेवर एयरपोर्ट (Jewar Airport) से होते हुए जोड़ने का प्लान है. इस प्रोजेक्ट के तहत दिल्ली के सराय काले खां को जेवर एयरपोर्ट से जोड़ा जाएगा. 

बता दें कि नोएडा के जेवर में बन रहे इंटरनेशनल एयरपोर्ट के टर्मिनल में ही बुलेट ट्रेन का स्टेशन बनाने की योजना है. इसके लिए नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड-नियाल ने एयरपोर्ट के मास्टर प्लान का ड्राफ्ट नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन से साझा किया है. 

अहमदाबाद में L&T को मिला ठेका

उधर, गुजरात में भी बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट पर तेजी से काम चल रहा है. नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NHSRCL) ने लार्सन ऐंट टूब्रो (L&T) को मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रॉजेक्ट में 87.56 किलोमीटर बनाने का ठेका दिया है. मुंबई और अहमदाबाद के बीच करीब 508 किलोमीटर लंबे रूट पर बुलेट ट्रेन चलाने की योजना है.

अहमदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट में पांच कंक्रीट और 11 स्टील ब्रिज बनाए जाएंगे. इसके लिए नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन ने टेंडर जारी किए हैं. 

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