देशभर में कोराना वायरस संकट (Coronavirus mahamari) के बावजूद Indian railways ने बुलेट ट्रेन (Bullet train) प्रोजेक्‍ट में रफ्तर नहीं कम होने दी है. इसके साथ ही रेलवे की एक और बड़ी Dedicated freight corridor (DFC)  परियोजना पर भी तेजी से काम चल रहा है. यह तब है जब देश में ऐसे प्रोजेक्‍ट लॉकडाउन (Lockdown) की वजह से मजदूरों और आर्थिक कारोबार में मंदी के चलते देर से चल रहे हैं.

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रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वीके यादव की मानें तो भारतीय रेल बुलेट ट्रेन को समय से दौड़ाएगी. बता दें कि PM नरेंद्र मोदी ने देश को पहली बुलेट ट्रेन प्रोजेक्‍ट की सौगात दी थी. यह हाई स्पीड कॉरिडोर मुंबई-अहमदाबाद रूट पर दिसंबर 2023 तक बनकर तैयार हो जाएगा. 

क्‍या होता है हाई स्‍पीड कॉरिडोर

High Speed कॉरिडोर पर Train 300 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से भाग सकती है. जबकि Semi High Speed हाईस्पीड कॉरिडोर पर Train 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ती है.

6 रूट पर चलाने का प्‍लान

वीके यादव की मानें तो 6 रूटों में दिल्ली-नोएडा-आगरा-लखनऊ-वाराणसी (865 किलोमीटर की दूरी) और दिल्ली-जयपुर-उदयपुर-अहमदाबाद (886 किलोमीटर की दूरी) शामिल हैं. दूसरे कॉरिडोर में मुंबई-नासिक-नागपुर (753 किलोमीटर), मुंबई-पुणे-हैदराबाद (711 किलोमीटर), चेन्नै-बेंगलुरु-मैसूर (435 किलोमीटर) और दिल्ली-चंडीगढ़-लुधियाना-जालंधर-अमृतसर (459 किलोमीटर) शामिल होंगे. इन पर बुलेट ट्रेन दौड़ेगी.

मालगाड़ी के लिए अलग रूट

वीके यादव के मुताबिक DFC के तहत मालगाड़ियों के लिए अलग रेल रूट बनाए जा रहे हैं. इनमें पूर्वी गलियारा (Eastern Corridor) 1,839 किलोमीटर का है, जो पंजाब में लुधियाना से पश्चिम बंगाल में कोलकाता के पास दानकुनी को जोड़ेगा. 

यादव ने न्‍यूज एजेंसी Pti से कहा कि वेस्‍टर्न कॉरिडोर दिल्ली से मुंबई के बीच विकसित किया जा रहा है. इसकी दौड़ 1,483 किलोमीटर है. डीएफसी कॉरपोरेशन इंडिया लिमिटेड (DFCCIL) के मुताबिक पूर्वी गलियारे का 60 प्रतिशत और पश्चिमी गलियारे का 56 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है. वहीं परियोजना के लिए जरूरी 99 प्रतिशत भूमि का अधिग्रहण कर लिया गया है. यह परियोजना दिसंबर 2021 तक पूरी होनी है. इससे भारतीय रेल को अपनी 70 प्रतिशत मालगाड़ियां इस रूट पर चलाने में मदद मिलेगी. 

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श्रमिक नहीं गए

यादव के मुताबिक कंपनी ने अपने श्रमिकों अच्‍छे से ध्‍यान रखा है. इससे बड़ी संख्या में मजदूर अपने घरों को वापस नहीं गए हैं. इस वजह से काम रुका नहीं, बस थोड़ा धीमा हुआ है. 

15 हजार लेबर मौजूद

कंपनी के मुताबिक उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में उसकी साइटों पर करीब 40,000 श्रमिक हैं जो अभी घटकर 15,000 रह गए हैं. डीएफसी का पूरा होना अप्रैल 2023 तक देश में 151 प्राइवेट ट्रेन शुरू करने के लिए भी अहम है, क्योंकि यह रेल नेटवर्क पर भीड़भाड़ को कम करेगा.