भारत और चीन के बीच तनाव के बीच भारत में चीन की कंपनियों से लगातार करार टूट रहे हैं. मुंबई मोनोरेल प्रोजेक्ट में भी हाल में ऐसा ही हुआ, जब एमएमआरडीए ने चीन की दो कंपनियों की बोली को खारिज कर दिया था. इस बीच अच्छी खबर है कि मुंबई मोनोरेल प्रोजेक्ट में तीन भारतीय कंपनियों ने इसमें रैक बनाने में रुचि दिखाई है. पीटीआई की खबर के मुताबिक, भारतीय कंपनियां- बीएचईएल (BHEL), बीईएमएल (BEML) और टीटागढ़ (Titagarh) ने इसमें काम करना चाहती हैं.  

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बता दें, कुछ सप्ताह पहले मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (MMRDA)) ने इस प्रोजेक्ट के लिए चीन की दो कंपनियों की बोली को खारिज कर दिया था. पिछले महीने एमएमआरडीए ने जैकब सर्किल-वडाला-चेंबूर मोनोरेल प्रोजेक्ट के लिए 10 रैक खरीदने के 500 करोड़ रुपये के ठेके को कैंसिल कर दिया था. चीन की दो कंपनियों ने रैक सप्लाई करने की इच्छा जताई थी. एमएमआरडीए का कहना था कि ये कंपनियां अपनी शर्तें थोपना चाहती हैं.

मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण, ने शनिवार को ट्वीट किया कि तीन भारतीय कंपनियों ने मोनोरेल रोलिंग स्टॉक के डिजाइन और डेवलपमेंट में रुचि दिखाई है. एमएमआरडीए के आयुक्त आर ए राजीव ने इससे पहले कहा था कि प्राधिकरण इस बारे में भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स (बीएचईएल), भारत अर्थ मूवर्स (बीईएमएल) सहित कई भारतीय कंपनियों से बातचीत कर रहा है.

एमएमआरडीए के एक अधिकारी ने कहा कि बीएचईएल, बीईएमएल और प्राइवेट सेक्टर की कंपनी टीटागढ़ ने इस प्रोजेक्ट में रुचि दिखाई है. एमएमआरडीए ने कहा कि बीईएमएल को पहले ही मेट्रो 2ए (दहिसर-डीएन नगर) और मेट्रो-7 (दहिसर ईस्ट-अंधेरी ईस्ट) के लिए मेट्रो रैक बनाने का ठेका मिल चुका है.

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मुंबई मोनोरेल प्रोजेक्ट के पहले फेज में 8.9 किलोमीटर लंबा वाडला-चेंबूर रूट का निर्माण किया गया. मुंबई में मोनोरेल की शुरुआत वर्ष 2014 में हुई थी. मोनोरेल प्रोजेक्ट इम्प्लिमेंटेशन का काम इंजीनियरिंग कंपनी लार्सन एंड टूब्रो लि. (एल एंड टी) और मलेशियाई कंपनी स्कोमी इंजीनियरिग कंपनी का समूह ने किया है.