हर किसी का सपना होता है कि उनका खुद का एक घर हो और इसी सपने को पूरा करने के लिए लोग हाउसिंग लोन का सहारा लेते हैं. लोन लेने के बाद उसे ब्‍याज समेत चुकाना भी पड़ता है. लेकिन एक बार जब आप लोन को पूरी तरह चुका दें, तो बैंक से एनओसी यानी नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट लेना न भूलें. NOC इस बात का प्रमाण देता है कि अब आपका लोन बंद हो चुका है. आप पर बैंक का कुछ भी बकाया नहीं है. अगर आप ये सर्टिफिकेट बैंक से किसी भी कारण लेना भूल जाते हैं तो आपको आगे कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. चलिए जान लेते है नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट को लेना इतना क्यों जरूरी होता है. 

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बिगड़ सकता है सिबिल स्कोर

नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट न लेने पर कई बार आपका लोन पूरी तरह से बंद नहीं होता और इसका सीधा असर क्रेडिट स्कोर पर पड़ता है. लोन क्‍लोज न होने पर आपके क्रेडिट रिपोर्ट में लोन राशि पेंडिंग दिखाई देगी. जिससे आपके सिबिल स्कोर पर नेगेटिव असर पड़ सकता है और आगे चलकर हाउसिंग लोन, पर्सनल लोन लेने में दिक्कत हो सकती है.

लग सकती है लेट फीस 

एनओसी न लेने की स्थिति में लेंडर को लोन के बंद होने की जानकारी नहीं हो पाती जिससे लेट फीस के साथ इंटरेस्ट जुड़ता रहता है, और आगे चलकर लोन को चुकाना और भी मुश्किल हो जाता है. कई बार लेंडर लोन की रिपेमेंट को लेकर डिटेल्स को अपडेट करना भूल जाते है जिससे आगे चलकर आप विवाद में पड़ सकते है , ऐसी स्थिति से बचने के लिए ही एनओसी की जरूरत होती है. 

प्रॉपर्टी के नेगोशिएशन में हो सकती है दिक्कत 

अगर आपके द्वारा लिया गया लोन किसी तरह की प्रॉपर्टी से जुड़ा हुआ है और अगर आपके पास एनओसी नहीं है तो प्रॉपर्टी के नेगोशिएशन में परेशानी हो सकती है और इससे संपत्ति की बिक्री भी रुक सकती है क्योंकि संपत्ति पर देनदार के दावे का एनओसी के बिना आधिकारिक तौर पर खुलासा नहीं किया जा सकता है.

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