ऑर्गेनाइज्‍ड सेक्‍टर में काम करने वाले कर्मचारियों की सैलरी की बेसिक सैलरी और डीए का 12 फीसदी हर महीने उनके EPF अकाउंट में जमा होता है. इतना ही पैसा एम्‍प्‍लॉयर की की ओर से भी जमा होता है. सरकार की ओर से हर साल EPF की ब्‍याज दरें तय की जाती हैं. वित्‍त वर्ष 2023-24 के लिए 8.15 फीसदी सालाना ब्‍याज तय की गई है. ईपीएफ के जरिए कोई भी कर्मचारी रिटायरमेंट तक बड़ा अमाउंट इकट्ठा कर सकता है.

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लेकिन क्‍या आप EPFO की ओर से मिलने वाले वॉलेंटरी प्रोविडेंट फंड (Voluntary Provident Fund - VPF) के बारे में जानते हैं? नौकरीपेशा लोगों के लिए ये निवेश का बेहतर विकल्‍प है. इसमें कर्मचारियों को वही फायदे मिलते हैं जो ईपीएफ में मिलते हैं. अगर आप निवेश के किसी ऐसे विकल्‍प की तलाश में हैं, जहां से आपका पैसा सुरक्षित भी रहे और आपको हाई रिटर्न भी मिले, तो वीपीएफ आपके लिए काफी फायदे का सौदा हो सकता है. 

जानिए VPF में निवेश के 5 बड़े फायदे

- VPF का सबसे पहला फायदा तो ये है कि इस पर आपको सरकार वही ब्‍याज देती है जो EPF अकाउंट पर मिलता है. यानी अगर आप वीपीएफ के जरिए पीएफ अकाउंट में अपना कॉन्‍ट्रीब्‍यूशन बढ़ाते हैं तो मौजूदा समय में आपको इस पर 8.15 फीसदी के हिसाब से ब्‍याज मिलेगा, जो किसी भी एफडी वगैरह से ज्‍यादा है.

- VPF में सैलरी का कितना पैसा निवेश करना है, इसकी कोई सीमा तय नहीं होती. कर्मचारी चाहे तो वीपीएफ के जरिए बेसिक सैलरी का 100 फीसदी तक योगदान भी कर सकता है. 

- वीपीएफ अकाउंट को भी ईपीएफ की तरह से ट्रांसफर किया जा सकता है. लेकिन एक बार VPF का विकल्प चुनने के बाद, कम से कम 5 साल तक उसमें पैसा जमा करना अनिवार्य है.

- वीपीएफ का लॉक इन पीरियड 5 साल का है. 5 साल की नौकरी पूरी होने के बाद किए जाने वाले विड्रॉल पर कोई टैक्स नहीं कटता है. हालांकि इससे पहले VPF निकालने पर, आपको उस पर अपने टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स चुकाना होगा.

- वीपीएफ के ब्याज और निकासी की रकम टैक्‍स फ्री होती है. इसलिए इसे Exempt-Exempt-Exempt (E-E-E) श्रेणी का निवेश माना जाता है. वीपीएफ में आपको आयकर कानून के सेक्शन 80C के तहत टैक्स छूट का फायदा मिलता है. इस फंड में आप एक वित्त वर्ष में 1.50 लाख रुपए तक की टैक्स छूट के लिए दावा कर सकते हैं. 

कैसे करें निवेश 

अगर आप भी वीपीएफ में निवेश करने में रुचि रखते हैं तो आपको अपनी कंपनी के HR से मिलकर उसे ये बताना होगा कि आप पीएफ में अपने निवेश को बढ़ाना चाहते हैं.  HR की मदद से आप अपना वीपीएफ अकाउंट भी ईपीएफ के साथ-साथ खोल सकते हैं. आपको अपनी सैलरी का कितना योगदान बढ़ाना है, इसके बारे में आपको एक फॉर्म भरकर HR को देना होगा. इसके बाद EPF Account के साथ आपके VPF अकाउंट की प्र​क्रिया पूरी की जाएगी. इस प्रक्रिया पूरी होने के बाद आप वीपीएफ में अपनी Salary से पैसा कटवाना चालू कर सकते हैं.

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