अगर आप टैक्स के दायरे में आते हैं तो समय रहते इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) फाइल करना अच्छा रहता है. इससे आप कई तरह की परेशानियों से बच जाते हैं. अगर आपने किसी कारण वित्त वर्ष 2019-20 और 2020-21 के लिए रिटर्न फाइल नहीं किया तो आपके लिए खुशखबरी है. ऐसे टैक्सपेयर्स (Taxpayers) फिर से अपना रिटर्न फाइल कर सकते हैं. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (CBDT) ने अपडेटेड रिटर्न यानी ITR-U को नोटिफाई किया है. टैक्सपेयर्स की परेशानी को ध्यान में रखते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2020 पेश करते हुए अपडेटेड रिटर्न का ऐलान किया था.

क्या होता है कि अपडेटेड रिटर्न (ITR-U)?

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने फाइनेंस एक्ट 2022 में इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 139(8A) के तहत अपडेटेड रिटर्न की घोषणा की थी. इसके तहत किसी भी वित्त वर्ष के लिए असेसमेंट ईयर समाप्त होने के अगले 24 महीने के भीतर अपडेटेड रिटर्न (ITR-U) फाइल किया जा सकता है. इसे वित्त वर्ष 2019-20 से लागू किया गया है. अगर किसी टैक्सपेयर ने ओरिजिनल रिटर्न, बिलेटेड रिटर्न या रिवाइज्ड रिटर्न नहीं फाइल किया है, वह भी ITR-U को भर सकता है.

कब तक है अपडेटेड रिटर्न भरने का मौका?

नियम के मुताबिक, वित्त वर्ष 2019-20 के लिए असेसमेंट ईयर 31 मार्च 2021 को खत्म होता है. इनके लिए 31 मार्च 2023 तक अपडेटेड रिटर्न भरने का मौका है. उसी तरह वित्त वर्ष 2020-21 के लिए असेसमेंट ईयर की डेडलाइन 31 मार्च 2022 को खत्म हुई. ऐसे टैक्सपेयर्स के पास 31 मार्च 2024 तक अपडेटेड रिटर्न भरने का मौका है. 

अपडेटेड रिटर्न का कारण भी बताना होगा

अगर कोई टैक्सपेयर अपडेटेड रिटर्न फाइल करना चाहता है तो उसे इसका कारण बताना होगा. यहां आठ तरह के कारणों का जिक्र किया गया है. इन कारणों में रिटर्न का नहीं भरा जाना, इनकम की उचित जानकारी नहीं देना जैसे विकल्प दिए गए हैं. इसके अलावा टैक्सपेयर को इनकम टैक्स रिटर्न के अलग-अलग फॉर्म में अपने लिए उचित फॉर्म का सलेक्शन करना है.

50 फीसदी तक एडिशनल टैक्स जमा करना होगा

अपडेटेड रिटर्न फाइल करने पर पेनाल्टी जमा करना होगा. अगर असेसमेंट ईयर खत्म होने के 12 महीने के भीतर ITR-U भरा जाता है तो 25 फीसदी का एडिशनल टैक्स लगेगा. अगर 12 महीने के बाद और 24 महीने के भीतर अपडेटेड रिटर्न भरा जाता है तो 50 फीसदी एडिशनल टैक्स लगेगा. यह रिटर्न तब तक नहीं भरा जा सकता है जब तक आप पर कुछ एडिशनल टैक्स लाएबिलिटी नहीं बनती हो.