Wealth Guide: जब आप यंग होते हैं, तो आपके पास अपनी रिटायरमेंट प्लान करने के लिए काफी समय होता है. लेकिन जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती जाती है और आप रिटायरमेंट के पास आते जाते हैं, तो आपके पास प्लानिंग के लिए बहुत कम समय बचता है. रिटायरमेंट के बाद एक खुशहाल जीवन जीने के लिए पर्याप्त फाइनेंशियल सिक्योरिटी के लिए आपको सही निर्णय लेना होता है. 

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अन्य सभी बातों के अलावा आपको अपना रिटायरमेंट प्लान करते समय हेल्थ संबंधी मुद्दों और खर्चों को भी ध्यान में रखना चाहिए. एसएजी इंफोटेक (SAG Infotech) के एमडी, सीए अमित गुप्ता फाइनेंशियल प्लानिंग और रिटायरमेंट से जुड़े सभी सवालों का यहां जवाब दे रहे हैं.

कैसे करें रिटायरमेंट की प्लानिंग

अमित कहते हैं, "रिटायरमेंट प्लानिंग (Retirement Planning) का मतलब उस अनुमानित अमाउंट का कैलकुलेशन करना है, जिसकी आवश्यकता आपको रिटायरमेंट के बाद होगी. ताकि आप अपने रिटायरमेंट के बाद के वर्षों को आराम से जी सकें. इस राशि को जमा करने के लिए आपको जोखिम क्षमता के आधार पर निवेश और उचित सेविंग प्लान बनाना होता है. अपनी जोखिम लेने की क्षमता और टार्गेट अमाउंट के आधार पर आप Equity, Debt, FD आदि में अपने निवेश को विविधता दे सकते हैं."

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इन बातों का रखें ध्यान

गुप्ता ने कहा, "जैसे-जैसे आप रिटायरमेंट के करीब होंगे, आपके जोखिम लेने की क्षमता कम हो जाएगी, और इसलिए आप अपने निवेश का एक बड़ा हिस्सा कम जोखिम वाले डेट फंड और सावधि जमा (FD) में रखना चाहेंगे, जहां आपका पैसा समय के साथ सुरक्षित रहता है. विशेषज्ञों के अनुसार, रिटायर होने की योजना बनाने से लगभग तीन से चार साल पहले अपने इक्विटी निवेश को सुरक्षित ऋण निवेश में स्थानांतरित करना शुरू करना बुद्धिमानी है. इसके अलावा, आपको अपनी सेवानिवृत्ति के पैसे को ऐसे विकल्पों में रखना चाहिए जो पर्याप्त तरलता प्रदान करते हैं ताकि आपको रिटायरमेंट के बाद धन की निर्बाध पहुंच मिल सके."

उन्होंने कहा, "रिटायरमेंट प्लानिंग (Retirement Planning) के पहले कदम के रूप में अपने रिटायरमेंट के खर्चों का अनुमान लगाना सबसे महत्वपूर्ण है. अगर आप अधिक खर्च नहीं करना चाहते, तो भी आपके पास रिटायर होने के बाद एक आरामदायक जीवन जीने के लिए पर्याप्त धन होना चाहिए. रिटायरमेंट की योजना बनाते समय आपको अपने निवेश से आफ्टर-टैक्स रिटर्न पर विचार करना चाहिए."

मिनिमम जोखिम वाला निवेश चुनें

उन्होंने सुझाव देते हुए कहा कि एक बात और जो रिटायरमेंट के करीब आ रहे लोगों को सबसे ज्यादा चकित करती है कि अपने रिटायरमेंट के पैसों को कहां लगाएं. आप एक ईजी एक्सेस फंड में निवेश करना चाहेंगे. यह ठीक भी है, लेकिन आपको यह भी देखना चाहिए कॉर्पस कम से कम मुद्रास्फीति की दर के रूप में अधिक रिटर्न का भुगतान करे, जिससे कि समय के साथ आपके कॉर्पस का मूल्य बहुत कम न हो. इसके लिए न्यूनतम जोखिन वाले ऑप्शन को चुनें. 

भारत मे अधिकांश लोग अपने रिटायरमेंट प्लान (Retirement Plan) को एक सुरक्षित और विश्वसनीय एनुटी प्लान में निवेश करना चुनते हैं. एनुटी प्लान (Annuity Plan) में आमतौर पर निवेशक के शेष जीवन के बराबर पेमेंट अवधि होगी. इसका मतलब है कि आप जब तक जीवित रहेंगे, तब  तक आपको मासिक/वार्षिक पेमेंट मिलते रहेंगे.

रिटायरमेंट के बाद स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों की प्लानिंग

अमित ने कहा कि जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती जाएगी, आपकी स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बढ़ेंगी और आपको पहले के मुकाबले ज्यादा डॉक्टर के पास जाने की आवश्यकता होगी. इसलिए, रिटायरमेंट की प्लानिंग (Retirement Plan) करते समय स्वास्थ्य संबंधी खर्चों पर विचार करें. इसका सबसे अच्छा तरीका है एक उचित हेल्थ इंश्योरेंस प्लान में निवेश करें. वह जो अपने रिटायरमेंट के करीब हैं, उनके लिए सीनियर सिटीजन इंश्योरेंस प्लान (Senior Citizen Insurance Plan) बेस्ट है. यह योजना आपको सामान्य बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करती है और आपके नियमित डॉक्टर के दौरे, चेकअप और चिकित्सा बिलों को भी कवर कर सकती है.

हेल्थ इंश्योरेंस प्लान लेते समय जरूरी बातें

उन्होंने कहा कि रिटायरमेंट के लिए स्वास्थ्य बीमा योजना (Health Insurance Plan) खरीदते समय, आपको विभिन्न उत्पादों की विशेषताओं की सावधानीपूर्वक जांच और तुलना करनी चाहिए और एक ऐसी योजना का चयन करना चाहिए जो आपकी विशेष आवश्यकताओं के लिए सबसे उपयुक्त हो. उदाहरण के लिए, कुछ योजनाएं अस्पताल में भर्ती होने से पहले के खर्चों को कवर नहीं कर सकती हैं, कुछ प्लान कैशलेस ट्रीटमेंट ऑफर नहीं करते हैं.

अमित ने कहा कि जैसे-जैसे कोई अपने रिटायरमेंट के करीब पहुंचता है, उनके जोखिम लेने की क्षमता कम होती जाती है, इसलिए रिटायरमेंट प्लान (Retirement Plan) बनाते समय सावधानी से निवेश करना बहुत आवश्यक है. आपको ऐसे निवेश को चुनना चाहिए जो सिक्योर और लिक्विड दोनों हों. इसके साथ ही रिटायर होने से पहले, जितना हो सके अपने कर्ज में कटौती कर लें.

(Disclaimer: The views/suggestions/advice expressed here in this article are solely by investment experts. Zee Business suggests its readers to consult with their investment advisers before making any financial decision.)