Wealth Guide: पिछले 2 सालों में कोरोना महामारी और जियोपॉलिटिकल टेंशन ने मार्केट में जिस तरह की उथल-पुथल मचाई है, इससे इन्वेस्टर्स को बहुत डर लगता है. हालांकि मार्केट में आने वाली किसी भी अनिश्चितता में जो एक बात हमेशा सुनाई देती है, वह यह कि 'इस बार समय पहले से अलग है'. आमतौर पर ऐसे समय में निवेशक एक सुरक्षित निवेश का विकल्प तलाशते हैं और ऐसे समय में सबसे ज्यादा सोना ही चमकता है. 

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अक्षय तृतीया इस साल 3 मई को पड़ रही है. हिंदूओं के इस पर्व पर भी सोना खरीदने का विशेष महत्व है. अक्षय तृतीया से पहले ICICI Prudential AMC के प्रोडक्ट डेवलपमेंट एंड स्ट्रैटेजी हेड चिंतन हरिया (Chintan Haria) ने बताया कि ऐसे मुश्किल समय में एसेट क्लास में सोना क्यों चमकता है.

चिंतन कहते हैं कि इसका कारण यह है कि सोना एक गैर-आय उपज वाली संपत्ति हो सकती है, लेकिन इसकी सबसे बड़ी क्वालिटी इसका मूल्य है, जो सभी कल्चर, जियोग्राफी और करेंसी में सामन रूप से मूल्यवान है. मुश्किल समय में सुरक्षा की तलाश करने की प्रवृत्ति इसे और मूल्यवान बनाती है. मार्केट के बुरे समय में मुद्रास्फीति भी साथ में आती है, जो पेपर करेंसी के दाम को नीचे ले आती है. लेकिन चूंकि सोने की सप्लाई सीमित है, इसलिए पेपर करेंसी के विपरीत इसका अवमूल्यन नहीं किया जा सकता है. इससे यह इन्वेस्टर्स के बीच एक खास एसेट क्लास बन जाता है. हाल ही में रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान भी ऐसा देखने को मिला.

गोल्ड ईटीएफ

हरिया ने कहा कि व्यक्तिगत निवेश (Individual Investment) के दृष्टिकोण से, हर समय अपने पोर्टफोलियो में सोने के लिए एक मामूली आवंटन (5-10%) बनाए रखना समझदारी है. यह किसी व्यक्ति के पोर्टफोलियो में बहुत जरूरी विविधीकरण भी लाएगा. ऐसे कुछ तरीके हैं जिनके माध्यम से कोई व्यक्ति सोने में निवेश कर सकता है, जैसे फिजिकल गोल्ड खरीदना, गोल्ड ईटीएफ (Gold ETF) में निवेश करना, गोल्ड फंड/फंड ऑफ फंड्स, या सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) खरीदना.

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उन्होंने समझाया, "इन सभी विकल्पों में से, जो एक पोर्टफोलियो के नजरिए से सबसे अधिक कुशल है, वह है गोल्ड ईटीएफ. Gold ETF एक ऐसा फंड है जिसका एक्सचेंज पर कारोबार होता है और यह घरेलू सोने की कीमतों को इसके आधार के रूप में ट्रैक करता है. इसलिए जब कोई निवेशक गोल्ड ईटीएफ खरीद रहा है, तो वह अनिवार्य रूप से इलेक्ट्रॉनिक रूप में सोने में निवेश कर रहा है."

गोल्ड ईटीएफ में निवेश के फायदे

फिजिकल गोल्ड में निवेश की तुलना में Gold ETF में निवेश करने के कई फायदे हैं. सबसे पहले इसके लिए इन्वेस्टर्स को सिक्योरिटी और स्टोरेज के बारे में चिंता करने की आवश्यकता नहीं होगी, क्योंकि Gold ETF के यूनिट डीमैट के रूप में होती हैं. इसके बाद इसे खरीदने की लागत कम होती है, क्योंकि इसमें मेकिंग चार्ज आदि कॉस्ट नहीं जुड़ते हैं. इन्वेस्टर के पास ट्रेडिंग घंटों के दौरान किसी भी समय एक्सचेंजों पर सोने की यूनिट खरीदने या बेचने की सुविधा होती है और इसके लिए किसी बड़ी रकम को जुटाने की आवश्यकता नहीं होती है.

गोल्ड ईटीएफ में निवेश करते समय, इन्वेस्टर सिर्फ एक यूनिट खरीदकर अपना निवेश शुरू कर सकते हैं, जिसकी लागत 100 रुपये से कम है. उन निवेशकों के लिए जिनके पास डीमैट खाता नहीं है, वे गोल्ड फंड का विकल्प चुन सकते हैं जो किसी अन्य म्यूचुअल फंड की तरह ही है. इन सभी कारणों से, पिछले कुछ वर्षों में गोल्ड ईटीएफ में निवेशकों की दिलचस्पी लगातार बढ़ी है.

इसलिए यदि आप एक निवेशक हैं जो पोर्टफोलियो विविधीकरण की तलाश कर रहे हैं या भविष्य की आवश्यकताओं जैसे कि शादियों के लिए सोना जमा करना चाहते हैं, तो गोल्ड ईटीएफ (Gold ETF) में निवेश सोने में निवेश करने के लिए सबसे इष्टतम तरीका के रूप में उभरने की संभावना है.

(Disclaimer: The views/suggestions/advice expressed here in this article are solely by investment experts. Zee Business suggests its readers to consult with their investment advisers before making any financial decision.)