नए साल की शुरूआत में बस कुछ ही दिन बाकी है. साल की शुरूआत होने पर लोग इलेक्ट्रोनिक आइटम समेत कई चीजें खरीदने की इच्छा रखते हैं. लोगों की जरूरतों को पूरा करने में आज इलेक्ट्रोनिक गैजेट्स बहुत जरूरी हो गए हैं और इनकी मांग लगातार बढ़ती जा रही है. इलेक्ट्रोनिक गैजेट्स की कीमत की ज्यादा होती है और महंगे होने का कारण इन्हें बार बार बदलना संभव नहीं है. इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट हैं तो हमेशा खराब होने का रिस्क भी रहता है. ऐसे में महंगा गैजेट खरीदने के साथ में प्रोटेक्शन लेना भी जरूरी हो जाता है. इलेक्ट्रोनिक सामान खरीदने पर इंश्योरेंस या वारंटी मिलती है, लेकिन इन दोनों में से किसे चुनना अधिक फायदेमंद है. आइए जानते हैं. 

वारंटी

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वारंटी मैन्यूफैक्चरर्स या रीटेलर्स के एग्रीमेंट्स हैं जो एक दी गई समय सीमा तक किसी प्रोडक्ट की रिपेयरिंग या बदलने की गारंटी देते हैं. वारंटी का दायरा अक्सर सीमित होता है, जो सेक्योरिटी के बजाय खास तरह की गड़बड़ियों या खराबी को कवर करता है. लेकिन अगर आपकी वारंटी की अवधि खत्म हो चुकी है तो रिपेयरिंग का खर्चा आपको खुद से उठाना पड़ेगा. 

इंश्योरेंस का कवरेज

ग्राहक चाहे तो अपने प्रोडक्ट का बीमा भी ले सकते हैं. जिसमें कवरेज का दायरा और ज्यादा बड़ा हो जाता है. इसमें मैकेनिकिल या इलेक्ट्रिकल समस्या शामिल होती है. इलेक्ट्रोनिक प्रोडक्ट के इंश्योरेंस पर अचानक से हुए नुकसान, चोरी या हानि समेत कई तरह के रिस्क की एक चेन को कवर करता है. मान लीजिये आपने अपने फोन का बीमा कराया है. जो अगर चोरी हो जाता है तो इसका इंश्योरेंस क्लेम मिलेगा. 

इंश्योरेंस से किफायती है वारंटी

देखा जाए तो इंश्योरेंस का प्रीमियम वारंटी से ज्यादा होता है. इंश्योरेंस के कवरेज का दायरा जितना ज्यादा होगा, आपको उसी तरह से प्रीमियम का भुगतान करना होगा. वहीं वारंटी की कॉस्ट आम तौर पर इंश्योरेंस प्रीमियम से कम रहती है. ऐसे में अगर आपको अपने गैजेट का सही से इस्तेमाल करने का भरोसा है तो आप पैसे बचाने के लिए वारंटी का विकल्प चुन सकते हैं, जिसमें चोरी अथवा दुर्घटना के नुकसान के अलावा खराब होने का कवरेज रहता ही है.