क्या आपने कभी सुना है कि आप अपने बिमा का प्रीमियम भी न भरे फिर भी आपको लाखों रुपये का बीमा कवर मिले, और वह भी एक या दो लोगों को नहीं बल्कि पूरी तहसील को. सुनने में यह मुमकिन ही नहीं लगता, लेकिन है हकीकत. पूर भारत में ऊंझा अकेली ऐसी तहसील है जहां, ये सुविधा हर नागरिक को मिल रही है.

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अहमदाबाद से 100 किलोमीटर की दूरी पर स्थित ऊंझा वैसे तो मसालों की खरीद-फरोख्त से पूरी दुनिया में मशहूर है. मसालों की सबसे बड़ी मंडी होने के कारण ऊंझा को "स्पाइस सिटी ऑफ़ इंडिया" भी कहा जाता है. 

एशिया की सब से बड़ी मसाला मंडी ऊंझा के मानवतावादी अभिगम से इस तालुका का हर व्यक्ति दो लाख के बिमा कवच से सुरक्षित है. हर साल ऊंझा मंडी सरकारी बिमा कंपनी को 87 लाख रुपये का प्रीमियम भी देती है. इसका लाभ ऊंझा तहसील के तीन लाख लोगों को मिलता है.

यहां अगर किसी दुर्घटनावश किसी परिवार के सदस्य की मृत्यु होती है तो मृतक के परिजनों को दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता मिल जाती है. पिछले दिनों ऊंझा मंडी में ऐसे लोगों को दो-दो लाख रुपये के चेक दिए गए. पिछले कई वर्षों से ये उपक्रम चल रहा है. हर साल बिमा कंपनी को दिए जाने वाले प्रीमियम की राशि बढ़ जाती है. 

एग्रीकल्चर प्रोड्यूज मार्केट कमेटी (APMC) ऊंझा के चेयरमैन गौरांग पटेल ने बताया कि ऊंझा तहसील में ज्यादातर किसान परिवार रहते हैं. यहां मंडी मैनेजमेंट द्वारा हर व्यक्ति के परिवार की सुध ली जाती है. किसी भी परिवार में दुर्घटना के समय उन्हें आर्थिक मदद दी जाती है.