PLOT LOAN: होम लोन की तुलना में, प्लॉट लोन लेना कितना बेहतर? क्या है लोन टू वैल्यू रेशियो
प्लॉट की खरीदी के लिए कई फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन आपको लोन देते हैं. जिसे प्लॉट लोन कहते हैं. इसे लेने के लिए आपका सिबिल स्कोर अच्छा होना चाहिए. अगर आप सभी जरूरी मापदंड पर खरे उतरते हैं, तो आपको कम दरों पर प्लॉट लोन दिया जा सकता है.
होम लोन की तुलना में प्लॉट लोन देना बैंक रिस्की मानते हैं, इसलिए होम लोन की अपेक्षा प्लॉट लोन की ब्याज दरें थोड़ी ज्यादा होती हैं. इसके अलावा ज्यादातर वित्तीय संस्थानों ने प्लॉट लोन की अधिकतम समय सीमा तय कर रखी है.
कितनी होती है अवधि
अगर होम लोन से प्लाट लोन की तुलना की जाए तो ये आपको कम अवधि के लिए ही मिलता है. अगर होम लोन आपको 20-25 सालों के लिए मिल रहा है तो वहीं प्लॉट लोन आपको अधिकतम 15 साल के लिए ही मिलेगा.
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समझिए लोन टू वैल्यू रेशियो
लोन टू वैल्यू रेशियो का मतलब होता है कि प्रॉपर्टी की तय कीमत का कितना प्रतिशत आपको लोन के रूप में मिल सकता है. अगर होम लोन की बात करें तो आपको प्रॉपर्टी की कीमत का 90 प्रतिशत तक लोन के लिए देते हैं. लेकिन वहीं प्लॉट लोन में आपको 80 प्रतिशत तक लोन मिलता है. जैसे-जैसे किसी प्लॉट की वैल्यू बढ़ेगी उसकी लोन टू वैल्यू कम होती जाएगी.
लोन पर प्लॉट लेने पर घर बनाना अनिवार्य?
प्लॉट लोन आपको इसी शर्त पर दिए जाते हैं, कि आप उस पर रहने के लिए घर का निर्माण करेंगे. आपको कंपनी द्वारा कुछ तय समय सीमा दी जाती है जिसके भीतर आपको घर का निर्माण करवाना जरूरी है. ज्यादातर बैंकों द्वारा आपको 2-3 साल का समय दे दिया जाता है. इसके बाद आपको बैंक को प्रूफ दिखाना होता है कि लोन पर लिए गए प्लॉट पर घर का निर्माण किया गया. अगर आप ऐसा करने से चूक जाते हैं तो आपको दिए गए लोन पर कुछ फीसदी जुर्माना भरना पड़ सकता है.