Rule of 70: कितने सालों में 1 करोड़ रुपए की कीमत घटकर रह जाएगी आधी? इस फॉर्मूले से पता चल जाएगा
जिस तरह से तेजी से महंगाई बढ़ रही है, उससे ये साफतौर पर स्पष्ट है कि आज जो चीज 500 रुपए में मिल रही है, वो आने वाले कुछ सालों में 1000 की भी होगी. इसके लिए महंगाई की रफ्तार को समझना होगा और इसके हिसाब से ही जमा पूंजी इकट्ठी करनी होगी.
अपने भविष्य को सुरक्षित करने के लिए ज्यादातर लोग निवेश करते हैं. लेकिन निवेश हमेशा ये कैलकुलेट करके किया जाना चाहिए कि आने वाले समय में आपकी जमा पूंजी की वैल्यू क्या होगी. जिस तरह से तेजी से महंगाई बढ़ रही है, उससे ये साफतौर पर स्पष्ट है कि आज जो चीज 500 रुपए में मिल रही है, वो आने वाले कुछ सालों में 1000 की भी होगी. महंगाई की इस रफ्तार को आपको समझना होगा और इसके हिसाब से ही जमा पूंजी इकट्ठी करनी होगी. अब सवाल उठता है कि आखिर महंगाई की रफ्तार को समझा कैसे जाए? इसके लिए बहुत परेशान होने की जरूरत नहीं, सिर्फ एक फॉर्मूला काफी है. जानिए Rule of 70 के बारे में.
क्या है Rule of 70 और कैसे करता है काम
Rule of 70 के जरिए आप आसानी से ये पता लगा सकते हैं कि कि आपकी जमा पूंजी की कीमत कितने सालों में आधी रह जाएगी. इसके लिए आपको मौजूदा महंगाई दर के बारे में पता होना चाहिए. जब आप 70 में मौजूदा महंगाई दर का भाग देंगे तो आपके सामने जो संख्या निकलकर आएगी, उससे आपको पता चल जाएगा कि कितने सालों में आपकी कुल जमा पूंजी की वैल्यू घटकर आधी हो जाएगी.
उदाहरण से समझिए
मान लीजिए कि आज के समय में आपके पास कुल जम रकम 1 करोड़ है. मौजूदा समय में महंगाई दर 5 फीसदी है, तो ऐसे में आपको 70 में मौजूदा महंगाई दर का भाग देना होगा. 70/5 = 14 यानी 14 सालों में आपकी जमा पूंजी की कीमत आधी रह जाएगी. यानी 1 करोड़ की रकम की वैल्यू 14 सालों में 50 लाख के बराबर हो जाएगी.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
BPN फिनकैप के डायरेक्टर एके निगम कहते हैं, 'रूल ऑफ 70' के जरिए आसानी से समझ सकते हैं कि महंगाई कितनी तेजी से हमारे निवेश की वैल्यू को खा रही है. इसलिए हमें निवेश से पहले हमेशा कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए. निवेश के लिए आप जो भी प्रोडक्ट चुन रहे हैं, उसमें मौजूदा रिटर्न और महंगाई दर का आकलन जरूर कर लें. सिर्फ सेफ इन्वेस्टमेंट के चक्कर में ऐसी जगह निवेश नहीं करना चाहिए, जहां रिटर्न के मुकाबले महंगाई दर काफी ज्यादा हो. हालांकि, यह बात सही है कि निवेश का फैसला लक्ष्य, जोखिम उठाने की क्षमता और उम्र को लेकर किया जाना चाहिए. निगम कहते हैं, निवेश के पोर्टफोलियो में समय-समय पर एक 'रिफ्रेश' बटन भी दबाना चाहिए. इसका मतलब कि पोर्टफोलियो को समय-समय पर जरूर देखना चाहिए. इसके अलावा, इनकम बढ़ने के साथ-साथ निवेश भी बढ़ाना चाहिए
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