Money Guru: शादी के बाद महिला की सैलरी-प्रॉपर्टी और निवेश पर हक किसका? जानें पति के लिए क्या हैं लिमिट
woman financial rights after marriage: मैरिड विमेन प्रोटेक्शन एक्ट 1874 में विवाहित महिलाओं की संपत्ति से जुड़े कई अधिकारों का जिक्र है जिसकी जानकारी होने पर आप किसी भी विवाद से बच सकती हैं.
woman financial rights after marriage: शादी के बाद महिला की सैलेरी,कमाई,प्रॉपर्टी,निवेश किसी भी सेविंग का मालिकाना हक महिला का ही है. पत्नि की ऐसी किसी भी निवेश पर पति का हक नहीं बनता. मैरिड विमेन प्रोटेक्शन एक्ट 1874 में विवाहित महिलाओं की संपत्ति से जुड़े कई अधिकारों (woman rights after marriage) का जिक्र है जिसकी जानकारी होने पर आप किसी भी विवाद से बच सकती हैं. इस एक्ट के क्या हैं फायदे और इसमें क्या-क्या है शामिल, ऑप्टिमा मनी के MD पंकज मठपाल से यहां समझ लेते हैं.
MWP Act 1874 क्या है?
मैरिड विमेन प्रोटेक्शन एक्ट 1874
विवाहित महिलाओं के लिए कानून
महिलाओं से जुड़े अधिकारों का जिक्र
आय,कमाई,प्रॉपर्टी,निवेश,सेविंग का हक
पत्नि की कमाई,निवेश पर पति का हक नहीं
महिला की कमाई,पति की हक नहीं
विवाहित महिला की कमाई,उसकी निजी संपत्ति
निवेश,सेविंग,सैलेरी,प्रॉपर्टी से ब्याज पर हक
महिला की किसी कमाई में पति की हिस्सेदारी नहीं
शादी के पहले की कमाई,पर भी सिर्फ उसी का हक
पत्नि अपनी इच्छा से ब्याज की कमाई पति को दे सकती है
मैरिड विमेन प्रोटेक्शन एक्ट 1874 धारा 4 में प्रावधान
स्त्री धन पर महिला का हक
शादी पर महिला को मिले गिफ्ट पर महिला का अधिकार (woman financial rights)
शादी पर मिले स्त्री धन पर पति दावा नहीं कर सकता
महिला अपनी इच्छा से किसी को तोहफे में दे सकती है
इस संपत्ति के फैसले में पति की सहमति जरूरी नहीं
MVP के तहत बीमा प्लान
पति की बीमा रकम परपत्नि,बच्चों का अधिकार
विवाहित पुरुष की पॉलिसी को ट्रस्ट माना जाएगा
पॉलिसी के लाभ की राशि पर ट्रस्टियों का अधिकार
डेथ क्लेम का पैसा ट्रस्ट को ही मिलेगा
लेनदार या रिश्तेदार राशि क्लेम नहीं कर सकता
ट्रस्ट के पैसे पर पत्नि,बच्चों का अधिकार
मैरिड विमेन प्रोटेक्शन एक्ट 1874 धारा 6 में प्रावधान
MVP एक्ट को पॉलिसी की शुरुआत में ही जोड़ सकते हैं
वहीं महिला का जीवन बीमा,उसकी निजी संपत्ति मानी जाएगी
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पत्नि की देनदारी
पति की जिम्मेदारी नहीं
शादी के बाद पत्नि की देनदारी की वसूली,पत्नि की संपत्ति से
पत्नि का कर्ज चुकाने के लिए पति बाध्य नहीं
कोई भी देनदारी पत्नि से ही वसूली जाएगी
वहीं शादी के पहले की देनदारी की पति से वसूली नहीं होगी
महिला ने शादी से पहले लोन लिया तो महिला ही भरेगी.