तकमील रिज़वी लखनवी का शेर है-

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दुनिया हमें फ़रेब पे देती रही फ़रेब

हम देखते रहे निगाह-ए-एतबार से...

तो जनाब ये जो एतबार है ना, ये बड़ी नामुराद चीज है. एतबार कीजिए, जरूर कीजिए, मगर हर किसी पे नहीं. Olx पर आपका ऐड देखकर किसी ने फोन किया. चार लच्छेदार बातें की. थोड़ा सा मोलभाव किया. और बिना सामान का मुआयना किए पेमेंट करने को भी तैयार हो गया. लेकिन आपके दिमाग की घंटी नहीं बजी. आपने बस एतबार कर लिया. नतीजा, एक और फ़रेब. दुनिया इतनी सीधी नहीं है जनाब. एक से बढ़कर एक अय्यार बैठे हैं, जो दूर से ही आपका अकाउंट हल्का करने की फिराक में हैं. और भाई साहब, पैसे जाने का दर्द तो इंसान फिर भी भूल जाता है, लेकिन उल्लू बन जाने की कसक ताउम्र पीछा नहीं छोड़ती कसम से.

इंटरनेट पर है जालसाजों की पलटन

अपना ही किस्सा बताता हूं. मैंने बेचने-खरीदने वाली साइट Olx पर ऐड डाला- सिक्स सीटर सोफा बेचना चाहता हूं, 10,000 रुपए में. दस मिनट के भीतर फोन आ गया. अब जरा पैटर्न पर ध्यान दीजिए. सबसे पहले उसने दाम कुछ कम करने को कहा, ताकि मुझे लगे सचमुच इंटरेस्टेड है. बात 9000 पर पक्की हुई. अब अगला दांव- 'जी मैं तो अभी कहीं बाहर हूं, लेकिन ये सोफा मुझे लेना है. मैं आपको पेमेंट कर देता हूं और शाम तक भाई आपके पास आकर ले जाएगा. आप गूगल पे या भीम से पेमेंट ले लेंगे?' मैंने कहा- 'भाई पेमेंट-वेमेंट हो जाएगा, पहले चीज़ तो देख लो आकर.' 'अरे वो कोई दिक्कत नहीं है, आपने कई सारी फोटो डाली है ना, वो देखकर समझ में आ गया. मुझे लेना है.' अब यहां से कहानी दो तरफ जा सकती है- या तो आप कहेंगे कि- जब तक तुम या तुम्हारा बंदा आकर सामान देख नहीं लेता मैं पेमेंट नहीं लूंगा. या फिर सौदा निपटाने की गरज से आप उसकी बात मान लें.

अब आप ट्रैप में फंस रहे हैं

अगर आप गूगल पे, फोन पे या भीम जैसा कोई यूपीआई सर्विस इस्तेमाल करते हैं तो आपको पता होगा कि उसमें Send Money का भी ऑप्शन होता है और Request Money का भी. अब आगे सुनिए. होता क्या है कि जैसे ही आप ऑनलाइन पेमेंट लेने की हामी भरते हैं तो अगला बंदा कहता है - मैं आपको एक पेमेंट लिंक भेज रहा हूं, उसको आप एक्सेप्ट कर लीजिएगा, पैसे आपके खाते में आ जाएंगे. थोड़ी देर में आपके फोन पर यूपीआई का एक लिंक आता है. उसमें मान लीजिए 9000 रुपए दिख रहे हैं जैसा कि तय हो चुका है, तो आप सोचते हैं पैसे आ गए. अब आप उस लिंक को खोलते हैं, अपना यूपीआई नंबर डालते हैं और जब तक आपको पूरा खेल समझ में आए आपके खाते से 9000 साफ हो चुके होते हैं. क्यों ? क्योंकि पैसे लेने की हड़बड़ी में आप ये देखना भूल जाते हैं कि उसने जो लिंक भेजा था वो दरअसल Request Money का था. जैसे ही आप उस लिंक को क्लिक करके अपना यूपीआई आईडी डालेंगे वो 9000 आपके अकाउंट से निकलकर उसके अकाउंट में चले जाएंगे. और जनाब, धोखेबाजी का ये खेल सिर्फ बेचने में नहीं होता. कई बार आप Olx से सेकेंड हैंड बाइक या कार खरीदना चाहते हैं तो भी आपको ऐसे फ्रॉड मिल सकते हैं जो आपको कुरियर या पार्सल चार्ज के नाम पर चूना लगाने की कोशिश करें. हद तो ये है कि भरोसा जीतने के लिए ये कंबख्त खुद को आर्मीवाला भी बताने लगे हैं.

वो खिलाड़ी नहीं, आप अनाड़ी हैं

समझने की बात ये है कि आपको फोन करने वाला दरअसल कोई हैकिंग नहीं कर रहा, कोई हाईटेक तकनीक नहीं अपना रहा. वो सिर्फ और सिर्फ आपकी नासमझी और लापरवाही का फायदा उठा रहा है. उसकी बातों में आप आए. उसको अपना यूपीआई नंबर या क्यूआर कोड आपने भेजा. उसके भेजे लिंक को एक्सेप्ट आपने किया. अपनी यूपीआई सिक्योरिटी पिन आपने डाली. पेमेंट भी आपने किया. यानी सबकुछ आपकी मर्जी से हुआ. तो गलती पूरी तरह आपकी हुई ना?. ऐसे में आपकी शिकायत पर कोई सुनवाई होगी, ऐसी उम्मीद रखना भी बेमानी है.

तो जनाब, करना बस इतना है कि

किसी अजनबी कॉलर पर ऐतबार मत कीजिए. उसे अपनी यूपीआई आईडी, पेटीएम नंबर, क्यूआर कोड, बैंक डीटेल्स मत दीजिए. अगर कोई सामान चेक किए बगैर पैसे देने पर उतारू हो जाए तो समझ लीजिए कुछ लोचा है. और अगर आपने किसी को डीटेल भेज भी दी तो एक बात याद रखिए- यूपीआई पर पेमेंट एक्सेप्ट करने के लिए आपको अपना पिन डालने की जरूरत ही नहीं होती. इसी तरह अगर आपने अपना क्यूआर कोड भेजा है तो भी आपको कुछ करने की जरूरत नहीं, आपको पेमेंट खुद-ब-खुद रिसीव हो जाएगा. इसलिए किसी के भेजे हुए लिंक पर अपना सिक्योरिटी कोड डालने से पहले सौ बार सोचिए. वर्ना फिर मत कहिएगा- लेने के देने पड़ गए.

(लेखक ज़ी बिज़नेस डिजिटल से जुड़े हैं)

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