स्मॉल सेविंग स्कीम्स में लंबी अवधि के निवेशकों के लिए PPF एक शानदार स्कीम मानी जाती है. वित्त मंत्रालय ने 31 मार्च को स्मॉल सेविंग स्कीम्स की अन्य योजनाओं के लिए इंटरेस्ट रेट में बढ़ोतरी का ऐलान किया, लेकिन पब्लिक प्रोविडेंट फंड को लेकर इंटरेस्ट रेट में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया.  इसके बावजूद PPF एक शानदार स्कीम मानी जाती है. अभी इस स्कीम में 7.1 फीसदी का ब्याज मिल रहा है. अगर आप भी PPF में निवेश करते हैं तो क्या आपको पता है कि हर महीने की 5 तारीख बहुत महत्वपूर्ण होती है. अगर आपने इस तारीख को मिस किया तो हर महीने नुकसान उठाना पड़ सकता है. आइए इसे विस्तार से समझते हैं.

ब्याज का भुगतान किस तरह होता है

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इंडिया पोस्ट की वेबसाइट पर पब्लिक प्रोविडेंट फंड स्कीम पर मिलने वाले इंटरेस्ट को लेकर कहा गया है कि वित्त वर्ष के खत्म होने पर ब्याज की राशि का भुगतान किया जाता है. वित्त मंत्रालय हर तिमाही ब्याज दरों की समीक्षा करता है. सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि ब्याज का हिसाब हर महीने की 5 तारीख से लेकर महीने के आखिरी तारीख के बीच मिनिमम बैलेंस पर होता है. 

हर महीने की 5 तारीख अहम

इसका मतलब, अगर किसी निवेशक ने अप्रैल महीने के लिए अपने PPF अकाउंट में 10 हजार  रुपए जमा किया है तो अप्रैल महीने में इस राशि पर कितना ब्याज मिलेगा यह इस बात पर निर्भर करता है कि किस तारीख को इसे जमा किया गया है. अगर उसने 4 अप्रैल तक यह अमाउंट अकाउंट में जमा किया होगा तो उसे अप्रैल महीने के इंटरेस्ट का लाभ मिलेगा. अगर उसने 5 अप्रैल के बाद जमा किया तो उसे इस अमाउंट पर इंटरेस्ट का लाभ नहीं मिलेगा.

किस तरह होता है इंटरेस्ट का हिसाब?

इसे दूसरे उदाहरण से समझते हैं. मान लीजिए कि आपके PPF अकाउंट में 31 मार्च का बैलेंस 3 लाख रुपए है. अप्रैल में आपने 4 तारीख को 50 हजार रुपए जमा किया.  8 अप्रैल को 10 हजार रुपए और जमा कर दिया. इस तरह PPF अकाउंट का कुल बैलेंस 3 लाख 60 हजार रुपए हो जाता है. हालांकि, अप्रैल महीने के लिए ब्याज का जो कैलकुलेशन होगा वह केवल 3.5 लाख रुपए पर होगा. ऐसे इसलिए क्योंकि 5 अप्रैल की तारीख का मिनिमम अकाउंट बैलेंस 3.5 लाख रुपए था. 

हर वित्त वर्ष में कम से कम 500 रुपए जमा करना जरूरी

निवेशकों के लिए जानना जरूरी है कि PPF अकाउंट में एक वित्त वर्ष में अधिकतम 1.5 लाख रुपए जमा किए जा सकते हैं. यह जमा एकमुश्त या इंस्टॉलमेंट्स में किए जा सकते हैं. अकाउंट को एक्टिव रखने के लिए हर वित्त वर्ष में कम से कम 500 रुपए जमा करना जरूरी है.