अगर आपके रिश्तेदार या कोई दोस्त के कारोबार के लिए कर्ज लेने जा रहे हैं और वे चाहते हैं कि आप उनके लोन गारंटर बन जाएं, तो ऐसा करने से पहले जरूरी है कि आप लोन गारंटर बनने का मतलब अच्छी तरह समझ लें. लोन गारंटर बनना का मतलब सिर्फ एक कागज पर दस्तखत करना नहीं है, बल्कि इसके साथ आपके साथ भी कुछ लाईबिलिट जुड़ जाती हैं. ये भी ध्यान रखिए किसी का लोन गारंटर बनने से आपका क्रेडिट स्कोर प्रभावित होता है और आपकी कर्ज लेने की क्षमता घट जाती है.

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लोन गारंटर का अर्थ

लोन गारंटर का मतलब है कि बैंक को कर्ज लेने वाले पर पूरा भरोसा नहीं है कि वे कर्ज लौटा पाएगा. हो सकता है कि बैंक को लगता हो कि कर्ज की राशि कर्जलेने वाले की क्षमता के मुकाबले अधिक है. इसमें में बैंक अतिरिक्त गारंटी की मांग करता है. ये गारंटी अचल संपत्ति के रूप में हो सकती है और किसी व्यक्ति के रूप में. जब किसी व्यक्ति को लोन गारंटर बनाया जाता है, तो इसका अर्थ है कि अगर लोन लेने वाला व्यक्ति कर्ज नहीं चुका सका, तो वह देनदारी लोन गारंटर के ऊपर आ जाएगी. लोन गारंटर को कर्ज चुकाना होगा.

ये सावधानियां हैं जरूरी

इसलिए जरूरी है कि किसी का लोन गारंटर बनने से पहले लोन लेने वाले व्यक्ति की आर्थिक स्थिति, पिछले ट्रैक रिकॉर्ड और कर्ज लेने की वजह के बारे में अच्छी तरह से पता कीजिए. अगर आपको थोड़ा भी संदेह हो तो आपके पास दो रास्ते हैं- 1) आप लोन गारंटर बनने से मना कर सकते हैं या 2) आप सिर्फ नॉन फाइनैंसियल बैंक गारंटर बन जाएं. 

यहां नॉन फाइनैंसियल बैंक गारंटर और फाइनैंसियल बैंक गारंटर का अंतर समझना जरूरी है. फाइनैंसियल बैंक गारंटर का अर्थ है कि आप लोन की पूरी जिम्मेदारी ले रहे हैं और अगर कर्जदार ने लोन नहीं चुकाया तो आप पूरा कर्ज ब्याज सहित चुकाएंगे. जबकि नॉन फाइनैंसियल बैंक गारंटर का अर्थ है कि आपके ऊपर कर्ज चुकाने की कोई जिम्मेदारी नहीं है और आप बैंक और कर्जदार के बीच सिर्फ मध्यस्थ की भूमिका निभाएंगे और बैंक को कर्ज वापस दिलाने की पूरी कोशिश करेंगे.