PPF Investment: क्‍या आप Provident Fund में निवेश करते हैं. अगर हां, तो आपके लिए अच्‍छी खबर है. SBI के अर्थशास्त्रियों ने छोटी बचत योजनाओं को लेकर कुछ सुझाव सरकार को दिए हैं. SBI की रिपोर्ट में कहा गया है कि इससे सभी का फायदा होगा. इन सुझावों में PPF का Lockin Period और ब्‍याज दरों को लेकर बात कही गई है.

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'PPF का 15 साल का लॉक-इन पीरियड कम हो'

PPF (Public Provident Fund) के लिए कहा गया है कि, सरकार को PPF के 15 साल के लॉक-इन पीरियड को कम कर देना चाहिए. साथ ही निवेशकों को अपने पैसे को तय अवधि में निकालने की मंजूरी देनी चाहिए. इसके लिए निवेशकों के इनसेंटिव में कटौती के विकल्प पर चर्चा की जा सकती है. PPF में सालाना 1.5 लाख रुपये का निवेश किया जा सकता है. PPF को सरकार की सुरक्षा मिलती है. इसका मुख्य मकसद अनऑर्गनाइज्ड सेक्टर, खुद का बिजनेस करने वाले लोगों का रिटायरमेंट सुरक्षित बनाना है. 

PPF, EPF की ब्याज दरें बराबर हों

SBI research ने केंद्र सरकार को इम्पलॉई प्रॉविडेंट फंड (EPF) और पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF) की ब्याज दरों में समानता लाने का भी सुझाव दिया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि EPF और PPF की ब्याज दरें बराबर होनी चाहिए, ताकि लोग ज्यादा से ज्यादा बचत को लेकर प्रोत्साहित हों. हालांकि ये डिमांड पहले भी की जा चुकी है. 

सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम के ब्याज पर टैक्स छूट

एक सुझाव सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम (Senior Citizen Savings Scheme) के ब्याज पर टैक्स छूट को लेकर है. रिपोर्ट में कहा गया है कि सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम का ब्याज पूरी तरह टैक्सेबल है. SBI Ecowrap की रिपोर्ट में कहा गया कि फरवरी 2020 तक इन स्कीम्स के तहत आउटस्टैंडिंग अमाउंट 73,725 करोड़ रुपये थी. अगर इस पर पूरी टैक्स छूट दी जाए तो सरकार के ऊपर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा. सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम के तहत सीनियर सिटीजन 15 लाख रुपये तक जमा कर सकते हैं, जिस पर 7.4 परसेंट सालाना ब्याज मिलता है.

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