सालों से संचार सेवा देने वाला भारतीय डाक अब खुद को नए जमाने से जोड़ने की जोरदार तैयारी में है. भारतीय डाक अब बहुत जल्द अपनी बीमा कंपनी खड़ी करेगी. अभी हाल में भारतीय डाक ने पेमेंट बैंक की शुरुआत की है. संचार मंत्री मनोज सिन्हा ने कहा है कि भारतीय डाक अपने कायाकल्प में जुट गया है और अगले दो साल में विभाग की अपनी बीमा कंपनी होगी. सिन्हा के मुताबिक इस कंपनी को स्थापित करने के लिए सलाहकार नियुक्त करने के प्रस्ताव पर आगामी कुछ सप्ताह में काम शुरू हो जाएगा.

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 1 सितंबर को भारतीय डाक भुगतान बैंक का उद्घाटन किया है. इसका उद्देश्य लोगों को घर तक बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध कराना है. यह सेवा देशभर में कार्यरत तीन लाख डाकिए और ग्रामीण डाक सेवक की मदद से डिजिटल माध्यम से पहुंचाई जाएंगी. यह बैंक 650 डाकघर की शाखाओं और 3,250 केंद्रों पर उपलब्ध है. हालांकि सरकार इस साल दिसंबर तक देश के सभी 1.55 लाख घरों में भुगतान बैंक सेवा उपलब्ध कराने की तैयारी में है.

फिलहाल भारतीय डाक अब तक की सबसे पुरानी बीमा योजना- पोस्टल लाइफ इंश्योरेंस (PLI) स्कीम सरकारी और अर्द्ध सरकारी कर्मचारियों के लिए मुहैया कराता है. इस योजना को वर्ष 1884 में पेश किया गया था. इसके बाद गांवों में रहने वाले लोगों के लिए 24 मार्च 1995 को रूरल पोस्टल लाइफ इंश्योरेंस (RPLI) योजना पेश की गई. 31 मार्च 2017 के आंकड़ों के मुताबिक PLI के 46.8 लाख और RPLI के 146.8 लाख पॉलिसीधारक हैं. 

संचार मंत्री मनोज सिन्हा ने इस साल के शुरू में पोस्टल लाइफ इंश्योरेंस को पेशेवरों के लिए भी खोलने की घोषणा की, जिससे इस मद में राजस्व महज चार माह में ही 6 करोड़ रुपये हो गए. सिन्हा का कहना है कि भारतीय डाक विभाग पूरी तरह बदलाव के दौर से गुजर रहा है.