Post Office Saving Scheme: इन्वेस्टमेंट के साथ रिस्क फैक्टर भी जुड़ा होता है. लोग अपनी क्षमता के हिसाब से निवेश करते हैं. अगर आप उन लोगों में से हैं जो रिस्क नहीं लेना चाहते तो पोस्ट ऑफिस की छोटी बचत योजनाएं आपके लिए अच्छा विकल्प हो सकती है. हम आपको पोस्ट ऑफिस की एक स्कीम के बारे में बताने जा रहे हैं जहां रिस्क नहीं के बराबर है और रिटर्न भी अच्छा खासा मिलता है. हम बात कर रहे हैं पोस्ट ऑफिस रिकरिंग डिपॉजिट (Post Office Recurring Deposit) की. 

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कैसे शुरू करें पोस्ट ऑफिस RD में निवेश?

पोस्ट ऑफिस RD डिपॉजिट अकाउंट बेहतर ब्याज दर के साथ छोटी किस्तों जमा करने की एक सरकार की गारंटी योजना है, इसमें आप महज 100 रुपये के छोटे से अमाउंट से भी निवेश शुरू कर सकते हैं. इसकी मैक्सिमम लिमिट नहीं है, आप जितना चाहें इसमें पैसा जमा कर सकते हैं.     

इस स्कीम के लिए अकाउंट 5 साल के लिए खोला जाता है. हालांकि बैंक छह महीने, 1 साल, 2 साल, 3 साल के लिए रिकरिंग डिपॉजिट अकाउंट की सुविधा देते हैं. इसमें जमा पैसों पर ब्याज कैलकुलेट हर तिमाही (सालाना रेट पर) होता है. इसे हर तिमाही के आखिर में आपके अकाउंट में जोड़ (कंपाउंड इंटरेस्ट सहित) दिया जाता है.

मिलेगा इतना ब्याज

रिकरिंग डिपॉजिट स्कीम पर फिलहाल 5.8 परसेंट से ब्याज मिल रहा है. यह नई दर 1 अप्रैल 2020 से लागू है. केंद्र सरकार अपनी सभी स्मॉल सेविंग स्कीम्स की ब्याज दरें हर तिमाही में तय करती है. 

मिलेंगे 16 लाख लाख रुपये

अगर आप हर महीने पोस्ट ऑफिस की RD स्कीम में 10 हजार रुपए 10 साल तक निवेश करते हैं, तो आपको 10 साल बाद 5.8 परसेंट की ब्याज दर पर 16 लाख रुपये से भी ज्यादा मिलेंगे. 

हर महीने निवेश                         10,000 रुपये

ब्याज                                        5.8%

मैच्योरिटी                                  10 साल

10 साल बाद मैच्योरिटी अमाउंट = 16,28,963 रुपये 

RD अकाउंट के बारे में जरूरी बातें 

खाते में आपको रेगुलर पैसा जमा करते रहना पड़ेगा, अगर आपने पैसा जमा नहीं किया तो आपको हर महीने एक परसेंट जुर्माना देना होगा. 4 किस्त नहीं देने पर आपका खाता बंद हो सकता है. 

पोस्ट ऑफिस RD पर टैक्स

रिकरिंग डिपॉजिट में निवेश करने पर TDS कटता है, अगर डिपॉजिट 40,000 रुपये से ज्यादा है तो 10 फीसदी सालाना की दर से टैक्स देना होगा. RD पर मिलने वाले ब्याज पर भी टैक्स लगता है, लेकिन पूरे मैच्योरिटी अमाउंट पर टैक्स नहीं लगता है. जिन निवेशकों की कोई टैक्सेबल इनकम नहीं है वो फॉर्म 15G भरकर TDS पर छूट पा सकते हैं. पोस्ट ऑफिस के अलावा सरकारी और निजी बैंक्स भी रिकरिंग डिपॉजिट की सुविधा देते हैं.        

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