मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में छोटे किसानों (Farmers) को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana) का फायदा दिलाने के मकसद से बड़ा बदलाव किया जा रहा है. अब राज्य में बीमा के लिए फसल क्षेत्र की शर्त को कम करके 100 हेक्टेयर के स्थान पर 50 हेक्टेयर की रहा है.

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राज्य के कृषि मंत्री कमल पटेल के मुताबिक, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के लिए फसल क्षेत्र की शर्त 100 हेक्टेयर के स्थान पर 50 हेक्टेयर करने के लिए जरूरी कार्रवाई करने के निर्देश दे दिए गए हैं. फसल बीमा योजना (Crop Insurance) में क्षेत्र में यह बदलाव वनग्रामों के किसानों के साथ अन्य छोटे किसानों के लिए वरदान साबित होगा.

ज्यादा बारिश और अन्य वजहों से हुए नुकसान के बावजूद फसल बीमा योजना के मौजूदा नियमों की वजह से जहां चयनित फसल का रकवा 100 हेक्टेयर से कम है, वे बीमा योजना में शामिल नहीं हो पाते हैं, जबकि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का मकसद सबसे कमजोर किसान को ज्यादा लाभ दिलाना है.

 

कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि पिछले दिनों बाढ़ और ज्यादा बारिश वाले इलाकों का दौरा के दौरान यह बात सामने आई कि बीमा के लिए तय क्षेत्र की शर्त के कारण बड़ी संख्या में किसान योजना का लाभ हासिल नहीं कर पाते है. 

कमल पटेल ने अगले खरीफ सीजन से पहले मौजूदा नियम को बदलकर 50 हेक्टेयर करने के लिए प्रमुख सचिव कृषि को आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं.

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बीमा प्रीमियम जमा करने का आखिरी मौका

बारिश और बाढ़ के चलते मध्य प्रदेश के सीहोर, हरदा, होशंगाबाद, देवास और रायसेन जिले में फसल बीमा की तारीख बढ़ाई गई है. इन जिलों के किसानों को अपना प्रीमियम जल्द जमा करने के निर्देश दिए गए हैं. इन जिलों के किसानों को प्रीमियम जमा करने की आखिरी तारीख 15 सितंबर है.