PIB Fact Check: ऑनलाइन और इंटरनेट के जमाने में देश में फेक और फर्जी न्यूज का सर्कुलेशन बढ़ते जा रहा है. ऐसे में आपके मोबाइल या ई-मेल पर कई ऐसी झूठी खबरें आते रहती हैं. अभी हाल में इंटरनेट पर एक मैसेज वायरल हो रहा है. जिसमें कहा जा रहा है कि अब अगर आप घरों में रखे Gold को बेचना या बदलना चाहते हैं तो आपको पहले उसे Hallmark कराना होगा, तो चलिए बताते हैं इसके पीछे की सच्चाई.

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क्या कहता है PIB Fact Check

PIB ने अपने फैक्ट चेक में कहा है कि BIS ने नोटिस जारी कर रहा है कि कई मीडिया हाउस में ये खबर चलाई गई थी कि BIS ने यह जरुरी कर दिया है कि अगर आप अपना कोई भी बिना हॉलमार्क के ज्वेलरी  बेचना या बदलना चाहते हैं तो आपको उसे पहले हॉलमार्क कराना होगा. BIS ऐसी भ्रामक खबरों का खंडन करता है.  BIS ने यह भी कहा कि अगर आपके पास बिना हॉल मार्क के कोई भी ज्वेलरी है तो वे उसे सुनार के पास बेच या बदलवा सकते हैं. 

क्या होता है हॉलमार्क हॉलमार्क( HUID) यह बेहद जरूरी होता है, इसके जरिए आपके गोल्ड की गुणवत्ता की पहचान होती है. नए नियमों के अनुसार हर गोल्ड पर यह होना अनिवार्य है. सोने की वस्तुओं पर भारतीय मानक ब्यूरो BIS का लोगो और उसकी शुद्धता की जानकारी अनिवार्य है, यानी यह दर्ज होना चाहिए कि यह वस्तु 18 कैरेट का है या 22 कैरेट का. ऐसे में अगर आपके पास पुराने गोल्ड के सामान घर में हैं जिस पर हॉलमार्क नहीं है तो सबसे पहले आपको इसपर हॉलमार्क कराना होगा, तभी आप इसे बेच पाएंगे. 1 अप्रैल 2023 से लागू हुआ नियम नए फैसले के बाद 1 अप्रैल 2023 से सिर्फ 6 डिजिट Alphanumeric Hallmarking ही मान्य होंगे. बिना इसके सोना और गहना नहीं बिकेगा. उपभोक्ता हित में उपभोक्ता मामले विभाग का अहम फैसला है. 4 डिजिट वाली हॉलमार्किंग (Hallmarking) पूरी तरह होगी बंद. आपको बता दें कि सरकार ने गोल्ड हॉलमार्किंग (Gold Hallmarking) को अनिवार्य बनाने के लिए करीब डेढ़ साल पहले कवायद शुरू की थी. देश में 1338 हॉलमार्किंग सेंटर देश में 339 सेंटर हैं जो Gold & Artefacts Manufacturing/ Production करते हैं. उन सभी क्षेत्रों में BIS के सेंटर उपलब्ध. देश में अब 1338 हॉलमार्किंग सेंटर हैं. 85% से ज्यादा क्षेत्र को इन सेंटर के जरिए कवर किया गया है. जल्द और सेंटर स्थापित होंगे.