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Budget 2021: टैक्सपेयर्स को नहीं मिली कोई राहत? इनकम टैक्स को लेकर ये 6 बड़े बदलाव भी कम नहीं

Budget 2021: 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अभी तक का पहला डिजिटल बजट पेश किया. FM ने लगभग आम आदमी से जुड़े सभी सेक्टर के लिए कई एलान किए.
Updated on: February 02, 2021, 05.12 PM IST
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ITR भरना हुआ और आसान

अभी तक इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) भरने के दौरान पहले से ही फॉर्म में नाम, पता, सैलरी पर लगा टैक्स, टैक्स का पेमेंट, टीडीएस जैसी जानकारियां पहले से ही भरी होती हैं. अब फॉर्म में लिस्टेड सिक्योरिटीज से हुए कैपिटल गेंस की जानकारी, डिविडेंड इनकम की जानकारी और बैंक-पोस्ट ऑफिस से मिले ब्याज की जानकारी भी पहले से भरी हुई मिलेगी.

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75 साल से ज्यादा उम्रवालों को ITR भरने से छूट

बजट में ऐलान किया गया कि 75 साल से ज्यादा की उम्र वाले लोगों को अब इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) भरने की जरूरत नहीं होगी. ये फायदा उन्हीं बुजुर्गों को मिलेगा जिनकी आमदनी का जरिया सिर्फ पेंशन है. मतलब अगर वो किराए के मकान, दुकान या किसी और तरीके से आमदनी हासिल करते हैं तो उन्हें ITR दाखिल करना होगा.  

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टैक्स ऑडिट की सीमा हुई दोगुनी

निर्मला सीतारमण ने इस बजट में टैक्स ऑडिट की सीमा को 5 करोड़ रुपये के टर्नओवर से बढ़ाकर 10 करोड़ रुपये के टर्नओवर तक कर दिया है. उन्होंने कहा कि इस पहले ही उन्होंने 1 करोड़ रुपये के टर्नओवर से बढ़ाकर 5 करोड़ रुपये कर दिया था. ये उनके लिए है जो अपनी करीब 95 फीसदी ट्रांजेक्शन डिजिटल माध्यम से करते हैं.  

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अफोर्डेबल हाउसिंग के लिए टैक्स छूट मिलती रहेगी

नौकरीपेशा वर्ग को Affordable Housing के लिए होम लोन के ब्याज पर मिलने वाली छूट एक साल और बढ़ाई गई है. इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80EEA के तहत मिल रही अतिरिक्त टैक्स छूट को सरकार ने एक साल के लिए और बढ़ा दिया है. सरकार होम लोन के ब्याज पर 1.5 लाख रुपये की अतिरिक्त छूट देती है, जिसकी मियाद 31 मार्च 2021 को खत्म हो रही थी, इसे बढ़ाकर अब 31 मार्च 2022 कर दिया गया है.  

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फेसलेस निपटेंगे इनकम टैक्स के विवाद

फेसलेस इनकम टैक्स अपीलेट ट्रिब्यूनल का ऐलान बजट में किया गया है. एक नेशनल इनकम टैक्स अपीलेट ट्रिब्यूनल सेंटर बनाया जा रहा है. इस नई व्यवस्था में सारा कम्यूनिकेशन डिजिटल तरीके से होगा. मतलब टैक्सपेयर के लिए फिजिकल तौर पर उपस्थित होने की जरूरत नहीं होगी. अगर किसी मामले में टैक्सपेयर की उपस्थिति की जरूरत होगी, तो वह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात कर सकेगा.  

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अब सिर्फ 3 साल पुराने टैक्स केस ही खुलेंगे

इस बजट में टैक्स असेसमेंट के केस को दोबारा खोले जाने की अवधि को 6 साल से घटाकर 3 साल करने का भी ऐलान किया गया है. मतलब इनकम टैक्स चोरी के किसी भी मामले में अब 3 साल तक ही कार्रवाई हो सकती है. पहले ये समय सीमा 6 साल थी. इससे कोर्ट पर पेंडिंग मामलों का दबाव कम होगा और आय कर विभाग के सामने तय समय में आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने की चुनौती होगी. गंभीर मामलों में भी जहां एक साल में 50 लाख रुपये या उससे अधिक की टैक्स चोरी के सबूत मिलते हैं, उन्हें भी 10 साल में दोबारा खोला जा सकेगा.