• होम
  • तस्वीरें
  • यहां FD कराने पर मिलेगा 10 फीसदी से ज्यादा का ब्याज, जानिए क्या है नियम और शर्तें

यहां FD कराने पर मिलेगा 10 फीसदी से ज्यादा का ब्याज, जानिए क्या है नियम और शर्तें

आमतौर पर आप बैंक में फिक्स्ड डिपॉजिट करके सालाना 4 फीसदी का रिटर्न हासिल करते हैं. लेकिन, अगर सालान 10 फीसदी का ब्याज मिले तो कैसे रहे? यह मुमकिन है, लेकिन इसके लिए आपको कॉरपोरेट एफडी में निवेश करना होगा. एफडी में पैसा लगाने वालों को मोटा रिर्टन मिलेगा. दरअसल, फ्यूचर एंटरप्राइसेज लिमिटेड (FEL) ने नई एफडी पेश की है. इस एफडी में निवेश पर 10.1 फीसदी की दर से ब्याज मिलेगा.
Updated on: March 06, 2019, 04.32 PM IST
1/6

मोटा रिटर्न चाहिए तो यहां करें निवेश

फ्यूचर एंटरप्राइसेज, बिग बाजार, फैशन बिग बाजार और होम टाउन जैसे लोकप्रिय ब्रांड के जरिए मार्केट में लीड करती है. पिछले कुछ सालों में फ्चूयर ग्रुप की इस कंपनी ने कई प्रमुख शहरों में अपना कारोबार फैलाया है. अधिकतर लोग यही समझते हैं कि एफडी को सिर्फ बैंक में कराया जा सकता है. लेकिन, हकीकत यह है कि NBFC और मैनुफैक्चरिंग कंपनियां भी एफडी ऑफर करती हैं. हालांकि, अब भी ज्यादातर लोग बैंक में फिस्क्ड डिपॉजिट कराना पसंद करते हैं. लेकिन, अगर मोटा रिटर्न चाहिए तो कॉर्पोरेट एफडी में निवेश करना बेहतर विकल्प है.

2/6

10 हजार से करनी होगी शुरुआत

फ्यूचर एंटरप्राइसेज की एफडी में निवेश की शुरुआत 10 हजार रुपए से होगी. यहां 1, 2 और 3 साल के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट किया जा सकता है. इसमें सिर्फ भारतीय नागरिक ही निवेश कर सकता है. एफडी कराने के लिए आपके पास पैन कार्ड होना जरूरी है. खास बात यह है कि फ्यूचर एंटरप्राइज के साथ ज्वॉइंट एफडी भी की जा सकती है.

3/6

कितने साल में मिलेगा कितना ब्याज

अगर आप 3 साल की अवधि के लिए इस योजना में कम्युलेटिव स्कीम के तहत निवेश करते हैं तो आपको 10.1 फीसदी की सालाना दर से ब्याज मिलेगा. 2 साल की अवधि के लिए यह दर 9.6 फीसदी और एक साल की अवधि के लिए यह दर 9.1 फीसदी है. हालांकि, Non-Cumulative Scheme में निवेश करने पर आपको एक साल की अवधि के लिए 9 फीसदी, दो साल की अवधि के लिए 9.5 फीसदी और 3 साल की अवधि के लिए 10 फीसदी की दर से ब्याज मिलेगा.

4/6

टैक्स फ्री नहीं है ब्याज

एफडी में किए गए निवेश पर मिलने वाला ब्याज टैक्स फ्री नहीं होगा. ब्याज निवेशकों की अन्य स्रोत से आय में जोड़ा जाएगा और उस पर टैक्स कैलकुलेट होगा. हालांकि, सालाना 5 हजार रुपए तक का ब्याज टैक्स-फ्री है. यह टैक्स कंपनी काटकर सरकार के पास जमा करेगी और आपको आईटीआर भरते वक्त 15G/H फॉर्म सबमिट करना होगा.

5/6

अनसिक्योर्ड होती है कॉरपोरेट एफडी

कंपनियों की एफडी अनसिक्योर्ड होती है. लेकिन, एफईएल की एफडी को केयर रेटिंग्स ने स्टेबल की श्रेणी में रखा है. इसका मतलब है कि इसमें निवेशकों की पूंजी सुरक्षित है. यह रेटिंग 1 नवंबर 2018 को जारी की गई थी. हालांकि, रेटिंग्स समय के अनुसार बदलती है और जरूरी नहीं है कि एफडी की पूरी अवधि के दौरान यह स्टेबल रहे.

6/6

कंपनी हुई डिफॉल्ट तो क्या होगा

कॉरपोरेट एफडी को भी रिस्क जोन में रखा जाता है. अगर कोई कंपनी डिफॉल्ट करती है तो निवेशकों की एफडी पहले पूरी तरह डूब जाती थी. लेकिन, कंपनी एक्ट, 2013 में इस नियम में बदलाव किया गया है. इससे आपके निवेश को सुरक्षित बनाया गया है. एक्ट के तहत अब सिर्फ वही कंपनियां पब्लिक से पैसा जुटा सकती हैं, जिनकी कुल पूंजी 100 करोड़ रुपए से अधिक हो या उनका टर्नओवर 500 करोड़ रुपए से अधिक हो. आपको बता दें, बैंकों में निवेशकों की एफडी 1 लाख रुपए तक इंश्योर्ड होती है जबकि कंपनी में 20 हजार रुपए (ब्याज सहित जमा राशि) तक की एफडी ही इंश्योर्ड होती है.