1 लाख रुपए तक Income टैक्स बचाने का यह है तरीका, जानें क्या करना होगा
PPF, Gratuity, Health Insurance, Life Insurance सहित Tax Saving हमारे पास कई सारे विकल्प हैं, जिनके लिए इनकम टैक्स में छूट मिलती है. आप इनकम टैक्स (Income Tax) में कई बीमारियों के इलाज पर भी टैक्स छूट ले सकते हैं, जो IT की धारा 80DDB में कवर होती है. इसमें खुद या परिवार के आश्रित सदस्य की बीमारी पर हुए खर्च का डिडक्शन क्लेम होता है.
Updated on: January 27, 2020, 12.56 PM IST
आपको बता दें कि यह क्लेम लेने के लिए आपको डॉक्टर से सर्टिफिकेट लेना होगा. इसमें 60 साल से कम उम्र के लोगों को अधिकतम 40 हजार रुपए की छूट मिलेगी जबकि सीनियर सिटीजन के लिए अधिकतम 1 लाख रुपए का क्लेम किया जा सकता है.
> सेक्शन 80DDB के तहत टैक्स छूट
> टैक्स पेयर या डिपेंडेंट व्यक्ति के मेडिकल ट्रीटमेंट खर्च पर टैक्स छूट
> विशेष बीमारी से पीड़ित है तो 40,000 तक डिडक्शन क्लेम कर सकता है
> सीनियर सिटिजन के इलाज पर 1 लाख तक खर्च पर टैक्स छूट
> छूट क्लेम करने के लिए मेडिकल ट्रीटमेंट का बिल दिखाना जरूरी
> इलाज का खर्च बीमा कंपनी से मिला तो टैक्स फायदा बचे खर्च पर
> इम्पलॉयर की ओर से रिंबर्स होने पर बचे खर्च पर टैक्स कटौती का फायदा
> सेक्शन 80DD और 80U के तहत टैक्स छूट
> टैक्सपेयर किसी अक्षमता से ग्रस्त है तो 75000-सवा लाख रुपए तक टैक्स छूट
> 75000 तक का टैक्स डिडक्शन शारीरिक, मानसिक तौर पर दिव्यांग के लिए
> गंभीर रूप से शारीरिक दिव्यांगता के मामले में टैक्स कटौती 1.25 लाख रुपए
परिवार में डिपेंडेंट सदस्य-पत्नी, मां-पिता, बच्चे या आश्रित भाई-बहन शामिल हो सकते हैं. हिंदू अविभाजित परिवार (HUF) के मामले में यह परिवार का कोई सदस्य हो सकता है.
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ये बीमारियां होती हैं कवर
आयकर विभाग टैक्स छूट कुछ खास बीमारियों पर देता है. इनमें अटैक्सिया (Ataxia), डिमेंशिया (Dementia), अफेसिया (Aphasia), डिस्टोनिया मस्कुलोरम डिफॉर्मेंस (Dystonia Musculorum Deformans), पार्किंसंस (Parkinsons Disease), मोटर न्यूरॉन डिजीज (Motor Neuron Disease), रीनल फेलियर (Chronic Renal failure), कैंसर (Cancer), एड्स (Aids) और हीमैटोलॉजिकल (Hematological disorders) शामिल हैं.
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कहां से मिलेगा सर्टिफिकेट
अगर आपने इन बीमारियों में से किसी के इलाज पर खर्च किया है तो इसकी छूट पाने के लिए डॉक्टर से बीमारी का सर्टिफिकेट लेना पड़ेगा. ये डॉक्टर सरकारी या प्राइवेट अस्पताल किसी के भी हो सकते हैं.
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टैक्स बचाने के दूसरे विकल्प
बचत खाते का ब्याज
मेडिकल इंश्योरेंस
एजुकेशन लोन
HRA के बिना हाउस रेंट
डोनेशन
इलेक्ट्रिक कार की खरीद
डिसेबिलिटी
मेडिकल ट्रीटमेंट
होम लोन का ब्याज
सेक्शन 80C
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मेडिकल इंश्योरेंस पर भी टैक्स छूट
IT के सेक्शन 80D के तहत टैक्स छूट
अपने, परिवार के लिए मेडिकल इंश्योरेंस के प्रीमियम पर टैक्स छूट
25,000 तक के प्रीमियम पर टैक्स में राहत
पैरेंट्स के लिए कवर के प्रीमियम के भुगतान पर 25 हजार अतिरिक्त छूट
सीनियर सिटीजन पैरेंट्स के प्रीमियम भुगतान पर 50 हजार छूट
प्रिवेंटिव हेल्थ चेक-अप पर हुए खर्च के लिए 5 हजार का क्लेम शामिल