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Atal Pension Yojana: क्‍या 60 साल से पहले स्‍कीम से बाहर निकलने का विकल्‍प है? कितना और कैसे मिलेगा रिफंड

How to Premature exit from APY: एक अहम सवाल यह है कि क्‍या मैच्‍योरिटी से पहले इस योजना से वालेंटरी यानी स्‍वैच्‍छा से बाहर निकला जा सकता है? अगर हां, तो उसका क्‍या तरीका है और रिफंड कैसे मिलेगा?
Updated on: May 17, 2021, 07.10 PM IST
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APY से कब बाहर निकलने का विकल्‍प? 

अटल पेंशन योजना (APY) की गाइडलाइन के मुताबिक, सब्‍सक्राइबर 60 साल की उम्र पूरी होने पर योजना से बाहर निकल सकता है और मंथली पेंशन पा सकता है. इसके अलावा कुछ निश्चित परिस्थितियों में सब्‍सक्राइबर 60 साल की उम्र से पहले योजना से बाहर निकल सकता है. पहला, सब्सक्राइबर्स की मृत्‍यु होने पर, जीवनसाथी चाहे तो स्‍कीम को बंद कर दे. स्‍कीम का फंड जीवनसाथी को मिल जाएगा. अगर, जीवनसाथी नहीं है, तो नॉमिनी को रकम मितल जाएगी. इसमें एक विकल्‍प यह है कि सब्‍सक्राइबर्स की मृत्‍यु होने पर जीवनसाथी बची हुई मैच्‍योरिटी अवधि के लिए एपीवाई अकाउंट में कंट्रीब्‍यूशन जारी रख सकती है. जोकि जीवनसाथी के नाम पर ही होगा. यह योजना मूल सब्‍सक्राइबर्स की 60 साल उम्र पूरी होने पर मैज्‍योर मारी जाएगी और उसके बाद जीवनसाथी (पति या पत्‍नी) को आखिरी क्षण तक मंथली पेंशन मिलती रहेगी. 

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APY: वालेंटरी रिफंड का मिला विकल्‍प 

APY गाइडलाइन के मुताबिक, 60 साल की उम्र से पहले स‍ब्‍सक्राइबर स्‍कीम से बाहर निकल सकता है. इसमें एक विकल्‍प है कि गंभीर बीमारी होने पर सब्‍सक्राइबर योजना से बाहर‍ निकला सकता है. गंभीर बीमारी होने पर APY को बंद करना चाहते हैं तो कुछ भी कटौती नहीं की जाती. इनकम के साथ-साथ सब्सक्राइबर और गर्वनमेंट के योगदान दोनों को वापस कर दिया जाता है. इसमें दूसरा विकल्‍प है कि सब्‍सक्राइबर वालेंटरी यानी स्‍वैच्‍छा से स्‍कीम से बाहर निकल सकता है. केंद्र सरकार ने जब अटल पेंशन योजना शुरू की थी, तब मेच्योरिटी के पहले योजना से निकलने का कोई प्रावधान नहीं जोड़ गया था, लेकिन बाद में निवेशकों को यह सुविधा भी दे दी गई

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APY: कैसे बंद होगा अकाउंट?

अटल पेंशन योजना (APY) में अगर आप मेच्योरिटी के पहले बाहर निकलना चाहते हैं तो आपका जिस बैंक अकाउंट में है, उसमें एपीवाई अकाउंट क्लोजर फॉर्म भरकर जमा करना होता है. इस फॉर्म में आप वालेंटरी निकास का कारण भी लिख सकते हैं. बैंक में कुछ दिन में आपके फॉर्म की जांच-पड़ताल करके आपका अकाउंट क्लोज कर दिया जाता है. जिसके बाद आपका रिफंड आपके बचते खाते में आ जाएगा. एपीवाई अकाउंट क्लोजर फॉर्म आप NSDL की वेबसाइट https://www.npscra.nsdl.co.in/nsdl-forms.php से भी डाउनलोड कर सकते हैं. यहां फॉर्म से जुड़ी कुछ और बातों को जान लीजिए. अकाउंट क्लोजर फॉर्म में अपना PRAN नंबर, बचत खाते की डिटेल और निकासी की वजह बतानी होती है.

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वालेंटरी एग्जिट पर कितना रिफंड? 

गाइडलाइन के मुताबिक, APY में वालेंटरी एग्जिट यानी स्‍वैच्‍छा से स्‍कीम से बाहर निकलने पर बैंक यह देखते हैं कि आपका और सरकार का अकाउंट में कंट्रीब्‍यूशन कितना है. वालेंटरी एग्जिट में यह जान लें कि सरकार की ओर से किया गया कंट्रीब्‍यूशन और उस पर हुई आमदनी वापस नहीं होगी. इसके अलावा, बैंक  अकाउंट के मेन्‍टेनेंस खर्च को भी काट लेगा. इसके बाद जो रकम सब्‍सक्राइबर के एपीवाई अकाउंट में बचेगी, उसके उसके सेविंग्‍स अकाउंट में ट्रांसफर कर दिया जाएगा. यहां, एक अहम बात यह भी जान लें कि अगर किसी गंभीर बीमारी या मृत्य होने पर APY को बंद करना चाहते हैं तो कुछ भी कटौती नहीं की जाती. इनकम के साथ-साथ सब्सक्राइबर और गर्वनमेंट के योगदान दोनों को वापस कर दिया जाता है.

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APY: 3 करोड़ से ज्‍यादा सब्‍सक्राइबर 

अटल पेंशन येाजना (APY) के फिलहाल 3 करोड़ से ज्‍यादा सब्‍सकाइबर हैं. PFRDA की ओर से हाल में जारी आंकड़ों के मुताबिक, 2020-21 में इस योजना से 79 लाख से ज्‍यादा नए सब्‍सक्राइबर जुड़े. इस तरह APY के कुल अंशधारकों की संख्या 3.02 करोड़ हो गई है. APY के 3.02 करोड़ अंशधारकों में से करीब 70 फीसदी अकांउट सरकारी बैंकों ने खोले हैं. वहीं, 19  फीसदी अकाउंट क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के जरिए खोले गए हैं. एक अहम बात यह भी है कि . इस स्कीम में शामिल होने के लिए सब्‍सक्राइबर को बैंक या डाकघर में सेविंग्‍स अकाउंट होना जरूरी है. एपीवाई के तहत, 60 की उम्र के बाद पेंशन का अलग-अलग स्लैब हैं. इसमें मिनिमम 1000 रुपये से मैक्सिमम  5000 रुपये पेंशन का प्रावधान है. इसमें अब यह सब्सक्राइबर्स पर निर्भर है कि वह पेंशन की कौन सी स्लैब चुनता है. वह जो भी स्‍लैब चुनेगा, उसे उसी अनुपात में एपीवाई अकाउंट में कंट्रीब्‍यूशन करना पड़ेगा.