फोन-Video कॉल पर डॉक्टर से सलाह का भी मिलेगा क्लेम, IRDAI ने किया साफ
कोरोना वायरस माहामारी (Coronavirus mahamari) में संक्रमण से बचने के लिए मरीजों को टेलीमेडिसिन यानि फोन या video कॉल के जरिए डॉक्टर सलाह दे रहे है तो बीमा कंपनी को उसका क्लेम देना होगा.
Updated on: June 12, 2020, 03.31 PM IST
इंश्योरेंस रेगुलेटर IRDAI ने साफ कर दिया है कि टेलीमेडिसिन का खर्च भी क्लेम का हिस्सा होगा और इसके लिए कंपनियों को अतिरिक्त इजाजत नहीं लेनी है. साथ ही IRDAI ने यह भी कहा है कि अक्टूबर से फाइल होने वाले प्रोडक्ट्स में फार्मेसी, इंप्लांट और डायग्नोस्टिक एसोसिएट मेडिकल खर्च में शामिल नहीं होंगे.
- टेलीमेडिसिन का खर्च भी क्लेम का हिस्सा
- कोरोना काल में पॉलिसी होल्डर्स को राहत
- ट्रिटमेंट के पहले और बाद में मरीज कर रहें है टेलीमेडिसिन का इस्तेमाल
- OPD कवरेज वाली पॉलिसी में टेलीमेडिसिन का पूरा खर्च मिलेगा
- डॉक्टरों को टेलीमेडिसिन के इस्तेमाल की सलाह
- कंपनियों को मंजूरी नहीं लेनी, सालान सीमा का नियम लागू होगा
अक्टूबर से फाइल होने वाली पॉलिसी में बड़े बदलाव होंगे
फार्मेसी, इंप्लांट और डायग्नोस्टिक एसोसिएट मेडिकल खर्च में शामिल नहीं होंगे
यानि फार्मेसी, इंप्लांट और डायग्नोस्टिक से जुड़ा पूरा खर्च क्लेम में मिलेगा
एसोसिएट मेडिकल खर्च बढ़ने से क्लेम रकम में कटौती होती है
तय सीमा से ज्यादा रुम पैकेज में एसोसिएट मेडिकल खर्च पर क्लेम कटौती होती है
क्लेम में ICU चार्जेस के भी अनुपात में कटौती नहीं होगी
बता दें कि कोरोना वायरस महामारी को फैलने से रोकने के लिये Lockdown को देखते हुए भारतीय चिकित्सा परिषद (MCI) ने 25 मार्च को ‘टेलीमेडिसिन’ को लेकर दिशानिर्देश जारी किया था ताकि पंजीकृत डॉक्टर टेलीमेडिसिन का इस्तेमाल कर स्वास्थ्य सेवाएं दे सकें.
उसका कहना है कि इससे संक्रामक बीमारियों को फैलने से रोकने में मदद मिलेगी और साथ ही स्वास्थ्य कर्मियों तथा मरीजों दोनों के लिये जोखिम कम होगा.